कोरोना: कोरोना मरीजों की रिकवरी बेहतर होने की वजह से सक्रिय मामले पांच महीने बाद सबसे कम हुए हैं। हालांकि कुछ राज्यों में स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। वायरस में लगातार हो रहे म्यूटेशन नए खतरे की आशंका को और अधिक मजूबत कर रहे हैं। करीब 150 दिन बाद सक्रिय मरीजों की संख्या कम होकर अब 3,18,181 दर्ज की गई है। देश में सक्रिय दर 0.95 फीसदी है। इसके अलावा कोरोना रिकवरी रेट भी तेजी से बढ़ते हुए अब 97.72 फीसदी है।
रिकॉर्ड टीकाकरण के बाद दो दिन में 80 फीसदी तक गिरावट दर्ज की गई है। बीते 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस पर देश भर में 2.51 करोड़ से भी अधिक लोगों ने वैक्सीन ली थी लेकिन इसके बाद शनिवार और रविवार को सबसे अधिक गिरावट भी दर्ज की गई।
इसी के साथ ही देश में कुल टीकाकरण बढ़कर 81 करोड़ पार हो चुका है। इनमें से 20.44 करोड़ से अधिक लोगों ने दूसरी खुराक लेकर टीकाकरण पूरा कर लिया है।
कोरोना वायरस एक बार फिर हवा में फैलकर मुश्किल खड़ी कर सकता है। अमेरिका की मैरीलैंड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के अनुसार कोरोना का वैरिएंट हवा में फैलकर खुद को और मजबूत करते हुए अपना विस्तार कर रहा है।
इससे संक्रमण का खतरा अधिक हो सकता है। वायरस से बचने के लिए मुंह पर एकदम तंग मास्क पहनना होगा। टीका लगवाने के साथ वेंटिलेशन पर ध्यान देना होगा।
प्रमुख शोधकर्ता प्रो. डॉन मिल्टन का कहना है कि अल्फा की तुलना में डेल्टा वैरिएंट अधिक संक्रामक है। अल्फा वैरिएंट से सक्रमित होने वाले लोगों के लार और नाक में वायरस की मात्रा अधिक पाई गई है। नाक और मुंह में मौजूद वायरस से ही दूसरे लोगों तक संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा है। संक्रमित व्यक्ति सांस से भी वायरस छोड़ता है। जो लोग अल्फा वैरिएंट से संक्रमित होते हैं वो लोग वायरस के मूल रूप की तुलना में 43 से 100 गुना अधिक वायरस हवा में छोड़ते हैं
