महराजगंज: भाई द्वारा बनाए गए मकान को दो भाइयों द्वारा बेचने के मामले में पीड़ित ने पूरे परिवार के साथ जिलाधिकारी कार्यालय में शिकायत पत्र सौंपा

महराजगंज: महराजगंज बागापार टोला लखनपुर में एक भाई का बना बनाया मकान दो भाइयो ने मिल कर बेचा पड़ित पुरे परिवार के साथ पहुंचा डीएम कार्यलय मांगा न्याय पीड़ित ने दिए गए शिकायत पत्र में बताया है कि हम चार भाई है हमारे पिता के द्वारा जीते जी ही सम्पति का बटवारा कर दिया गया था जिसमे हमारे भाई श्रीभागवत महातम व रामप्रीत को पैतृक निवास सोनिया दक्षिण व मलमालिया उर्फ सिरसिया का मकान व कृषि आराजि दिये तथा उसके एवज मे हम प्रार्थी को मौजा बागापर स्थित आराजी हिस्से में दे दिये।


उक्त जमीन में अपने कमाई से दो मंजिला पक्का मकान बनवा कर रह रहा, प्रार्थी के पिता जी सन 1997 में मृतक हो गए इसके बाद बागापार स्थित आराजी मे चारो भाइयो का वरासत हो गया। पिताजी के जीवित रहने या मृतक होने बाद थी बागापार स्थित प्रार्थी के मकान पर किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं था। परन्तु इथर प्रार्थी के दो भाई श्रीभागवत और महातम की नीयत बदल गयी और दोनो भाई चोरी छिपे प्रार्थी के विना जानकारी और पुश्तैनी जमीनों और मकानों मे बिना हिस्सा दिये ही बागापार स्थित और मेरे मकान को सरकारी कागजात मे वरासत का फायदा उठाते हुए।

बागापार निवासी श्रीमती रम्भा पत्नी वंशदेव के हक में अंश विक्रय कर दिया। पार्थी को जानकारी होने पर पार्थी के द्वारा माननीय सिविल जज प्रवर खण्ड महराजगंज के समक्ष मूल वाद सं0 351/024 श्रीनारायन बनाम रम्भा देवी व अन्य दाखिल किया गया है, जिससे मा० न्यायालय द्वारा मौके का स्थलीय रिपोर्ट व नक्शा नजरी जरिये अदालत अमीन मंगाये जाने का आदेश पारित किया गया है। उक्त मुकदमे में दि0 01-08-024 को तारीख पेशी नियत है।

इधर रम्भा देवी द्वारा पुलिस व तहसीलदार सदर महराजगंज को अपने साजिश में करके दीवानी न्यायालय में प्रचलित मुकदमे के बावजूद प्रार्थी को उक्त मकान से बेदखल कराये जाने का प्रयास किया जा रहा है और तहसीलदार महोदय सदर के द्वारा मौके पर जाकर दीवानी के मुकदमे को नजर अंजाद करते हुए और प्रार्थी को विना समय दिये ही जबरिया प्रार्थी को उक्त मकान से बेदखल करने की धमकी दी जा रही है। प्रार्थी के पास कोई दूसरी मकान नहीं है। उक्त मकान में किरायेदार भी हैं रहते हैं।

ऐसी परिस्थिति में प्रार्थी को मकान से बेदखल करने से प्रार्थी के परिवार के समक्ष निवास का संकट उत्पन्न हो जायेगा और प्रार्थी न्याय से वंचित हो जायेगा, तथा परिवार सहित आत्म दाह करने हेतु विवश हो जायेगा। ऐसी दशा के दौरान मुकदमा दीवानी न्यायालय तहसीलदार सदर महाराजगंज को प्रार्थी के मकान से प्रार्थी को बेदखल करने से रोका जाना न्याय हित मे आवश्यक है।

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