यूपी: उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के निर्णय के बाद अब सभी मदरसों की मान्यता खत्म हो गई है। मानक पूरा करने वाले मदरसे अब यूपी बोर्ड, सीबीएसई या फिर आइसीएसई से मान्यता लेकर प्राथमिक या माध्यमिक विद्यालयों की तर्ज पर संचालित हो सकेंगे।
बता दें कि इस संबंध में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने निर्देश जारी कर दिए हैं। निर्देश के मुताबिक ऐसे मदरसे जो मानकों के आधार पर यूपी बोर्ड, सीबीएसई बोर्ड, आईसीएसई बोर्ड आदि से मान्यता प्राप्त करने के लिए अर्ह हैं, वे संबंधित बोर्ड से मान्यता लेकर अपने प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालय संचालित कर सकते हैं।
जो मदरसे सुविधाओं के मानक को पूरा नहीं करते और किसी बोर्ड से मान्यता भी नहीं लेते तो मदरसा बोर्ड के संचालन पर स्वत: बंद हो जाएंगे। इससे इन मदरसों में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में पड़ जाएगा। ऐसे मदरसों के बच्चों का भविष्य खराब होने से बचाने के लिए प्रदेश के सरकारी बेसिक व माध्यमिक विद्यालयों में प्रवेश कराया जाएगा।
इसके लिए जिला स्तर पर पांच सदस्यीय कमेटी का गठन होगा, जिसके अध्यक्ष डीएम होंगे। जबकि सदस्य के रूप में मुख्य विकास अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी होंगे। इसी समिति के जरिये मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों का प्रवेश सरकारी स्कूलों में कराया जाएगा।
इसके बाद भी जो बच्चें प्रवेश से वंचित रह जाएंगे, उनके लिए जरूरत के मुताबिक या तो वर्तमान स्कूलों में सीटें बढ़ाई जाएंगी या नए विद्यालय खोले जाएंगे। इसकी रिपोर्ट डीएम हर महीने बेसिक शिक्षा के महानिदेशक, सचिव माध्यमिक शिक्षा, अल्पसंख्यक कल्याण को देंगे। छात्रों के प्रवेश की नियमित समीक्षा शासन स्तर से की जाएगी।
आपको बता दें कि यूपी में करीब 16 हजार मदरसे हैं जिनमें कुल 13.57 लाख छात्र हैं। कुल मदरसों में 560 अनुदािनत मदरसे हैं जहां 9500 शिक्षक कार्यरत हैं।
