Business

मेडिसिन रेट: एनपीपीए ने 84 दवाओं की दरें की तय, मार्केटिंग कंपनी ने ज्यादा कीमत ली तो ब्याज सहित होगी वसूली

मेडिसिन रेट: केंद्र सरकार ने दवा कंपनियों और आयातकों की मनमानी पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है। दवा की कीमतों के लिए बनी नियामक एजेंसी राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने 84 दवाओं की खुदरा कीमत तय कर दी है।

इनमें डायबिटीज, सिरदर्द, उच्च रक्तचाप के इलाज में काम आने वाली दवाएं प्रमुख हैं। इस कदम से कोलेस्ट्राल और ट्राइग्लिराइड लेवल घटाने में उपयोगी दवाओं के दाम भी कम होंगे। अगर किसी दवा उत्पादक या मार्केटिंग कंपनी ने ज्यादा कीमत ली है, तो उनसे अतिरिक्त कीमत की ब्याज सहित वसूली होगी।

बदलाव के बाद जीएसटी अलग रहेगा, लेकिन दवा उत्पादक इसकी वसूली तभी कर पाएंगे, जब खुद उन्हाेंने भी सरकार को खुदरा कीमत पर जीएसटी चुकाया हो। एनपीपीए के नोटिफिकेशन के अनुसार, एक पैरासिटामोल-कैफीन टैबलेट 2.88 रुपये, वोग्लिबोस एवं (एसआर) मेटफोर्मिन हाइड्रोक्लोराइड टैबलेट 10.47 और रोसुवास्टानिन एस्पिरिन एवं क्लोपिडोग्रेल कैप्सूल 13.91 रुपये का मिलेगा।

एनपीपीए का काम देश में दवाओं व फॉर्म्युलेशन की कीमत तय करना, नियंत्रण और उपलब्धता बनाए रखने के लिए निर्देश देना है। अगर कोई दवा उत्पादक ज्यादा कीमत ले तो उससे वसूली की जाती है। जो दवाएं कीमत नियंत्रण सूची में नहीं हैं, यह एजेंसी उन पर निगरानी रखती है।

Most Popular

To Top