नीरज चोपड़ा: टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन करने वाले नीरज चोपड़ा पर एक बार फिर सबकी निगाहें टिकी हुई है। एथलीट नीरज चोपड़ा रविवार (24 जुलाई) की सुबह करोड़ों भारतीयों की उम्मीदों को लेकर मैदान पर उतरेंगे। अमेरिका के यूजीन में चल रही विश्व एथलेटिक्स के फाइनल में वह स्वर्णिम निशाना लगाकर इतिहास रचना चाहेंगे। नीरज अगर पदक जीत लेते हैं तो वह इस टूर्नामेंट के इतिहास में ऐसा करने वाले पहले भारतीय पुरुष बन जाएंगे।
उनसे पहले महिलाओं में दिग्गज एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज ने 2003 में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीता था। प्रतियोगिता में नीरज ने अपने पहले ही प्रयास में 88.39 मीटर की दूरी तय की और फाइनल में जगह बनाई। टोक्यो ओलंपिक के चैंपियन की फॉर्म को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि वह विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पदक दिलाने वाले पहले पुरुष एथलीट बन सकते हैं। नीरज के अलावा भारत के रोहित यादव ने भी फाइनल में जगह बनाई है। रोहित ने 80.42 मीटर की दूरी तय की। उनसे भी देश को पदक की उम्मीद है।
नीरज को ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स से चुनौती मिल सकती है। क्वालिफाइंग राउंड में पीटर्स (89.91) पहले, नीरज (88.39 मीटर) दूसरे स्थान पर थे। फाइनल में भी नीरज और पीटर्स को मुख्य प्रतिद्वंद्वी माना जा रहा है। विश्व चैंपियनशिप से पहले चोपड़ा ने इस सीजन में दो बार ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स को हराया है। फाइनल में पहुंचने के बाद नीरज ने कहा भी है कि मैं अपना श्रेष्ठ देने का प्रयास करूंगा।
इस प्रतियोगिता में 24 साल के नीरज के अलावा 34 अन्य एथलीट शामिल हुए थे। सभी को दो ग्रुप में रखा गया था। नीरज पहले ग्रुप में थे और रोहित को ग्रुप बी में रखा गया था। नीरज ने अपने करियर का तीसरा बेस्ट थ्रो करते हुए फाइनल में जगह बनाई है। नीरज और रोहित सहित कुल 12 खिलाड़ियों ने जैवलिन थ्रो के फाइनल में जगह बनाई है। चेक गणराज्य के जाकुब वादलेज्च ने भी पहली ही कोशिश में 85.23 मीटर दूर भाला फेंककर फाइनल में जगह बनाई। इस सीजन में चोपड़ा ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने दो बार अपना व्यक्तिगत श्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
