सन्दीप मिश्रा

उत्तर प्रदेश महर्षि वाल्मीकि जयंती पर तमाम राजनीतिक दलों राजनेताओं के साथ-साथ समाजसेवियों ने उन्हें याद किया । लेकिन वाल्मीकि समाज के लोगों की समस्याओं पर किसी ने एक शब्द नहीं बोला। जिनमें सबसे ज्यादा सफाई कर्मचारी हैं और रायबरेली नगर पालिका में लगभग 19 करोड़ से ज्यादा रुपए तो केवल इन्हीं सफाई कर्मचारियों की तनख्वाह फंड का बकाया है । बताते चलें कि आदेश है कि कर्मचारियों के रिटायर होते ही उनके समस्त मदों का भुगतान कर दिया जाए। अन्यथा रिटायर्ड कर्मचारियों को होने वाली देरी पर ब्याज लगाकर उसका भुगतान किया जाए । लेकिन रायबरेली नगर पालिका को स्वच्छ रायबरेली तो चाहिए लेकिन वाल्मीकि समाज से जुड़े सफाई कर्मचारियों की इस समस्या पर किसी का ध्यान नहीं जाता है। क्योंकि इस समस्या का समाधान करने के लिए नगर पालिका को एक मोटी रकम खर्च करनी पड़ेगी । सफाई कर्मचारियों का समय से भुगतान न होने और रिटायर कर्मचारियों के मदो का भुगतान ना किए जाने का मामला पिछली बोर्ड बैठक में भी जोर शोर से उठाया गया था। सभासद पूनम तिवारी का साफ कहना था कि नगर पालिका सफाई कर्मचारियों के वेतन और उनके फंड का गलत इस्तेमाल कर रही है इसी के कारण 19 करोड़ केवल कर्मचारियों में मदो का रुपया नगरपालिका पर बकाया हो चुका है । उन्होंने यह भी कहा था कि सफाई कर्मचारियों के बल पर नगर पालिका अपने आप आदर्श नगर पालिका बताती है। किंतु वर्षों से सफाई कर्मचारी अपने मेहनत की जमा रकम के लिए तरस रहे हैं। बताते चलें कि बीते 4 वर्षों में कई कर्मचारी रिटायर हुए हैं। लेकिन उनके रिटायरमेंट के मदो का भुगतान नगर पालिका में अभी तक बकाया है। कहा तो यह भी जाता है कि कई सफाई कर्मचारियों ने अपने पैसे के भुगतान के लिए अधिकारियों और यूनियन के नेताओं को चढ़ावा भी चढ़ाया है । लेकिन आज भी वह अपने भुगतान के लिए भटक रहे हैं

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