क्वाड शिखर सम्मेलन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो साल बाद पहली बार विदेश यात्रा के लिए निकलेंगे। वह अमेरिका में पहले क्वाड देशों के शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और फिर संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में 100 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधियों को संबोधित करेंगे। इस दौरान उनका मकसद चीन की लगातार बढ़ रही मूर्खता और दूसरी तरफ अफगानिस्तान में तख्तापलट के बाद आतंकवाद के प्रसार के बढ़े हुए खतरे की तरफ वैश्विक जनसमुदाय का ध्यान खींचना होगा।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की मेजबानी वाले इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के पीएम योशीहिदे सुगा वाशिंगटन पहुंचेंगे। भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के क्वाड समूह का शिखर सम्मेलन 24 सितंबर को होगा।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि क्वाड सम्मेलन में कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने के प्रयासों और मार्च में घोषित क्वाड टीकाकरण पहल की समीक्षा भी की जाएगी। बैठक में मेजबान अमेरिका हिन्द प्रशांत क्षेत्र में सहयोग और क्वाड समूह के प्रति अपनी मजबूत प्रतिबद्धता का संकेत देना चाहता है। मंत्रालय ने बताया कि इस दौरान उभरती प्रौद्योगिकियों, संपर्क और बुनियादी ढांचे, साइबर सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा, मानवीय सहायता, आपदा राहत, जलवायु परिवर्तन और शिक्षा जैसे समकालीन वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान होगा।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी कहा कि व्हाइट हाउस में इस सम्मेलन में भाग लेने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद जांएगे। यह भी बताया कि प्रधानमंत्री मोदी 25 सितंबर को न्यूयॉर्क में यूएनजीए के 76वें सत्र में भी शिरकत करेंगे, जहां वे सत्र के एक उच्च स्तरीय खंड को संबोधित करेंगे। यूएनजीए की वार्षिक सभा में 100 से ज्यादा देशों और सरकार के प्रमुख नेता व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहेंगे।
