यूपी: समीक्षा अधिकारी (आरओ) व सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) परीक्षा-2023 का प्रश्न पत्र आउट होने व विभिन्न माध्यमों से वायरल होने की सूचनाओं व तथ्यों के आधार पर शासन द्वारा परीक्षा निरस्त कर सम्पूर्ण पेपर लीक प्रकरण की जांच एसटीएफ को सौंपी गई थी।
इस बीच एसटीएफ यूपी को समीक्षा अधिकारी व सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा-2023 का पेपर लीक कराने वाले गैंग के एक सदस्य को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त हुई। एसटीएफ ने उसे मुख्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया था, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया।

गोंडा के करनैलगंज थाना क्षेत्र के रहने वाले आरोपी अमित सिंह ने एसटीएफ से पूछताछ में बताया कि वह गोमतीनगर में कामर्स की कोचिंग चलाता था। उसी दौरान बलिया के दीपक दुबे के माध्यम से मामले के मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल मिश्रा के संपर्क में आया। अमित सिंह ने राजीव नयन को टीजीटी परीक्षा -2020/21 का पेपर पढ़ाने के लिए 20 लाख रुपये दिए थे। उसके बाद से कई भर्ती परीक्षाओं में राजीव नयन को कैंडिडेट उपलब्ध करा चुका है।


राजीव नयन ने पुलिस भर्ती व आरओ/एआरओ भर्ती परीक्षा 2023 में पेपर आउट कराने के लिए कहा था और अमित सिंह से अभ्यिर्थयों की व्यवस्था करने के लिए बोला था। राजीव नयन ने बताया था कि सभी अभ्यर्थियों को लखनऊ और प्रयागराज में पेपर का उत्तर पढ़ाया जाएगा। इसके बदले डॉ. शरद सिंह से 15 लाख रुपये प्रति अभ्यर्थी देना तय हुआ था। 11 फरवरी 2024 को हुई प्रारंभिक परीक्षा में दो लाख रुपये प्रति अभ्यर्थी देना तय किया गया था जबकि बाकी का रुपया बाद में देना था।

सभी लड़कों को राजीव नयन मिश्रा ने प्रयागराज स्थित आरोग्यम हास्पिटल में ले जाकर पेपर पढ़वाया था। आरोग्यम हास्पिटल का मालिक भी राजीव नयन ही है। अभ्यिर्थयों को पेपर पढ़वाने में डॉ. शरद ने भी मदद की थी। एसटीएफ ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। वह सीटेट परीक्षा पेपर आउट कराने के संबंध में जनवरी 2023 में थाना कंकरखेड़ा मेरठ से जेल जा चुका है।

समीक्षा अधिकारी (आरओ) व सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) परीक्षा-2023 का प्रश्न पत्र आउट होने व विभिन्न माध्यमों से वायरल होने की सूचनाओं व तथ्यों के आधार पर शासन द्वारा परीक्षा निरस्त कर दी गई है।

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