लखनऊ विश्वविद्यालय के विभिन्न विषयों की पढ़ाई कर रहे छात्रों ने बड़ी संख्या में आज संस्कृतसेवाव्रत का संकल्प धारण किया। विश्वविद्यालय में संस्कृत सप्ताह महोत्सव(19-25 अगस्त) के सम्पूर्ति दिवस पर विभिन्न छात्रावासों में “मानव जीवन में संस्कृत की उपादेयता” विषय पर उद्बोधन तथा ‘संस्कृतसेवाव्रत संकल्प’ के कार्यक्रमों का आज आयोजन किया गया। अधिष्ठाता छात्रकल्याण तथा चीफ प्रोवोस्ट प्रो. नलिनी पाण्डेय ने अन्तेवासी छात्रों तथा छात्राओं को विज्ञान, तकनीक आदि विभिन्न क्षेत्रों मे शोध तथा कैरियर की दृष्टि से संस्कृत के महत्त्व को रेखांकित किया। उन्होंने छात्रावास के प्रोवोस्टगण के साथ छात्र-छात्राओं को आजीवन संस्कृत की प्रतिष्ठा और महिमा के लिये सेवारत रहने का व्रत धारण किया। विद्वानों ने बताया कि पहले संस्कृत का एक विषय के रूप में अध्ययन सभी शाखाओं के विद्यार्थियों के लिए सम्भव नहीं था, किन्तु अब नवीन शिक्षा नीति के कारण प्रबन्धन, मनोविज्ञान आदि सभी विषयों के छात्र अपने विषय में लाभ की दृष्टि से संस्कृतविद्या के सम्बन्धित क्षेत्रों का अध्ययन कर सकते हैं। इस आयोजन में डीन रिक्र्यूटमेन्ट प्रो. मनुका खन्ना एडिशनल चीफ प्रोवोस्ट डॉ. अनूप सिंह, लालबहादुर शास्त्री, महमूदाबाद, हबीबुल्लाह नरेन्द्रदेव, तिलक, कैलाश आदि छात्रावासों के प्रोवोस्टगण डॉ. राजेश्वर यादव, डॉ. एस. पी. शुक्ला, डॉ. अमित सिंह, डॉ. महेन्द्र अग्निहोत्री, डॉ. आशीष अवस्थी आदि उपस्थित रहें।
