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यूपी: अखिलेश ने आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में हार की समीक्षा की, पार्टी नेताओं को एकजुट रहने व आपस में लड़ाई न करने की चेतावनी दी

अखिलेश यादव: शनिवार को करीब एक महीने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में हार की समीक्षा की। इसके लिए सभी विधायकों एवं वरिष्ठ पदाधिकारियों को प्रदेश कार्यालय में बुलाया गया था। बैठक में अखिलेश यादव ने जिस बूथ पर विधानसभा चुनाव के मुकाबले कम वोट मिले उन पर नए सिरे से फोकस करने का निर्देश दिया। अखिलेश यादव ने पार्टी नेताओं को एकजुट रहने और आपस में लड़ाई न करने की चेतावनी दी। कहा कि आपसी लड़ाई किसी भी कीमत पर नहीं होनी चाहिए।

इसके पहले अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार के नकली विकास की परतें खुलती जा रही हैं। खुद सरकारी आंकड़े ही भाजपा सरकार की उपलब्धियों और झूठे दावों की पोल खोल रहे हैं। पुलिस हिरासत में हुई मौतों में यूपी नंबर वन है। अखिलेश ने बयान जारी कर कहा कि पुलिस की हिरासत में मौत होना हत्या के बराबर होता है। इस मामले में उत्तर प्रदेश का नंबर वन होना, प्रदेश की भाजपा सरकार पर कलंक है। वर्ष 2020-21 में पुलिस हिरासत में 451 मौतें हुईं जबकि वर्ष 2021-22 में यह आंकड़ा बढ़कर 501 हो गया है। इस तरह वर्ष 2020 से 2022 के बीच भाजपा राज में प्रदेश में कुल 952 मौतें हुई हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में जंगलराज है। महंगाई, बेकारी और भ्रष्टाचार की मार से आम आदमी परेशान है। जन रोष से बचने के लिए क्षणिक उत्तेजना वाले मुद्दे उछाले जा रहे हैं। दुष्कर्म, लूट, अपहरण और हत्या की घटनाएं रोज हो रही हैं। फर्जी एनकाउंटरों की जांच में पुलिस अफसर तक फंस रहे हैं। अर्थव्यवस्था डूब रही है, रुपये की कीमत घटती जा रही है।उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 के बाद से 22 करोड़ लोगों ने केंद्र सरकार में नौकरी के लिए आवेदन किया है। इनमें से महज 7 लाख 22 हजार 311 युवाओं को ही नौकरी मिली है। जबकि भाजपा ने दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था, जो वादा ही रह गया। यूपी में भी भाजपा सरकार युवाओं को नौकरी देने में फिसड्डी साबित हुई है।

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