यूपी विधानसभा चुनाव: विधानसभा चुनाव की तारीख तय होने के साथ ही राजनीतिक दलों ने भी तैयारियां तेज कर दी हैं। यूपी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सपा और रालोद के गठबंधन में सीटों का बंटवारा भी लगभग तय हो चुका है। बस घोषणा बाकी है। चर्चा है कि छह से सात सीटें ऐसी हैं जिन पर सपा अपने दिग्गजों को रालोद के सिंबल पर चुनाव लड़ा सकती है। इससे सपा वर्तमान और भविष्य दोनों स्थितियों को सुरक्षित रखना चाहती है।
सूत्रों के अनुसार दोनों दलों में सीटों के बंटवारे में रालोद के खाते में पश्चिमी यूपी की ज्यादा सीटें आ रही हैं। चूंकि पहले चरण में पश्चिमी यूपी के 11 जिलों में ही 58 सीटों पर चुनाव होने हैं। ऐसे में अब समय ज्यादा नहीं है और सीटों की स्थिति साफ करनी होगी। सपा प्रमुख अखिलेश यादव एवं रालोद सुप्रीमो चौधरी जयंत सिंह के बीच अधिकतर सीटें फाइनल हो चुकी हैं। बस छह से सात सीटों पर मंथन है। ये सीटें ऐसी है जिन पर अखिलेश ने कहा है कि ये सीटें रालोद को दे दी जाएंगी पर इन पर रालोद के चुनाव चिह्न पर सपा कार्यकर्ता चुनाव लड़ेंगे। इस पर भी लगभग सहमति बन चुकी है।
सपा एक तीर से दो निशाने साध रही है। एक तो सपा चाहती है कि उसके सारे दिग्गज समायोजित हो जाएं और दूसरा भविष्य में यदि रालोद के जीते उम्मीदवारों की संख्या भी ज्यादा रहे तो उसमें भी उनकी टीम हो। इसके लिए दोनों के बीच कई बार की मीटिंग के बाद अब इस पर भी सहमति हो चुकी है। मांट, नौगांवा सादात, कांठ, चांदपुर, मीरापुर और खतौली सीटों पर गठबंधन यह प्रयोग कर सकता है। इसके अलावा मेरठ कैंट सीट को लेकर भी इसी तरह का मंथन चल रहा है।
