रिपोर्ट: भारत मे अक्सर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात की जाती है कि अगर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को जब दबाया जाता है तो सबसे ज्यादा असर मीडिया जगत पर पड़ता हैl बीते साल 2021 में पत्रकारों के उत्पीड़न का नया रिकॉर्ड बना और उन्हें हिरासत में लेने के 488 मामले दर्ज किए गए। इनमें भी सबसे ज्यादा 127 मामले चीन में दर्ज हुए। वह लगातार पांचवें साल सूची में सबसे ऊपर रहा।
पेरिस आधारित अंतरराष्ट्रीय संगठन ‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ (आरएसएफ) ने वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि वह 1995 से पत्रकारों के उत्पीड़न का रिकॉर्ड रखता है। पिछले साल सबसे ज्यादा पत्रकार उत्पीड़न का शिकार बने। हांगकांग समेत चीन में 127 पत्रकारों को हिरासत में लिया गया।
म्यांमार में 53, वियतनाम में 43 और बेलारूस में 32 पत्रकारों को हिरासत में लिया गया। आरएसएफ ने कहा कि यह दुनिया में सत्ता पर काबिज शक्तियों में बढ़ती तानाशाही का प्रमाण है।मार्च में म्यांमार में सेना के खिलाफ चल रहा प्रदर्शन कवर करने गए स्वतंत्र पत्रकार की हिरासत में मौत हो गई थी। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, संभवत: उसकी मृत्यु पूछताछ के दौरान पिटाई करने से हुई।
दुनिया में एक देश ऐसा भी है जिसे आप मीडिया या पत्रकारों की सबसे बड़ी जेल भी कह सकते हैंl जहां वर्तमान में 127 से ज्यादा पत्रकार जेल में बंद हैl यह दुनिया के सबसे बड़ा बंदी बनाने वाला राष्ट्र चीन हैl
