यूपी : मई के अंतिम सप्ताह में जिले में जहरीली शराब कांड हुआ था, जिसमें 109 लोगों की मौत हो गई थी। माफिया ने देशी शराब के नाम पर जहरीली शराब आबकारी की लाइसेंसी दुकानों से बिकवाई थी। इस कांड ने न सिर्फ अलीगढ़ बल्कि पूरे प्रदेश में हड़कंप मचाया था। आबकारी विभाग के कई अधिकारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था।
जहरीली शराब कांड के बाद आबकारी विभाग अब शराब बिक्री की व्यवस्था में बदलाव की तैयारी कर रहा है। दिल्ली की तर्ज पर पूरे प्रदेश में आबकारी की दुकानों पर पीओएस मशीनों के जरिये शराब की बिक्री होगी। मतलब, अगर कोई एक बोतल शराब लेता है तो उक्त बोतल पर बार कोड स्कैनर होगा, जिसे दुकानदार पीओएस मशीन से स्कैन करेगा।
स्कैन के बाद प्रिंटर से एक बिल निकलेगा। इस बिल में शराब के निर्माण स्थल, सरकारी गोदाम से आवंटन का विवरण, फुटकर विक्रेता आदि की जानकारी होगी। बिना स्कैन बिक्री करने पर शराब के स्टॉक/बिक्री का मिलान गड़बड़ा जाएगा। ऐसे में दुकानदार का लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। तत्कालीन जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह ने सबसे पहले बोतल बंद देशी शराब की बिक्री पर रोक लगाई थी।
इसकी जगह सिर्फ ट्रेटा पैक की बिक्री की अनुमति दी गई। अब शासन स्तर से यह तैयारी की जा रही है कि आगामी दिसंबर तक प्रदेश में पीओएस मशीन के जरिये शराब की बिक्री कराई जाए। इसके लिए सभी दुकानदारों को सूचित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अब इस पर निर्णय होना है कि पीओएस मशीन दुकानदार को खरीदनी होगी या आबकारी विभाग उपलब्ध कराएगा। यह व्यवस्था ठीक उसी प्रकार होगी, जैसे अभी तक मॉल आदि जगहों में किसी सामान की बिक्री की होती है।
90 लाख रुपये (लगभग) की प्रतिदिन देशी शराब कीबिक्रीकरबिक्री होती हैl 70 लाख रुपये (लगभग) की प्रतिदिन अंग्रेजी शराब की बिक्री होती है तथा 40 लाख रुपये (लगभग) की प्रतिदिन बीयर की बिक्री होती है l
