सरकार भानु प्रताप तिवारी
एक तरफ सरकार सबका साथ सबका विकास की बात तो करती है।लेकिन हकीकत कुछ और ही है।जिसका प्रमाण नौतनवा विधान सभा में तीन वर्ष पहले और आज कि बाढ से हुए तबाही सीएम को नही दिखा वही फरेन्दा में जान छिड़क रहे है आखिर ऐसा क्यो सीएम को नौतनवा के मझार व चकदह की बाढ त्रासदी नही दिखती या अधिकारी दिखाना नही चाहते नौतनवा की जनता यह जानना चाहती है कि पांच वर्ष का कार्यकाल बीतने वाले है लेकिन नौतनवा तहसील के धरती पर उनका उड़न खटोला नही उतरा जबकि यदि नुकसान की बात करे तो नौतनवा तहसील फरेन्दा के अपेक्षा अधिक नुकसान व पिड़ित है।वही नौतनवा का महाव इस बार दर्जनो बार टूटा जिससे किसानो का हजारो एकड़ फसल नष्ट हो गया।जिम्मेदार सिर्फ दौरा कर इतिश्री कर किसानो को उनके हाल पर छोड़ देते है।कुछ इसी तरह मझार का क्षेत्र है जहां मरम्मत के अभाव में बांध हर तिसरे वर्ष टूटता है।लेकिन यहा का समाधान नही हो पाया।जबकि रानीपुर,दंदनहवा,सुबेदारपुर,मछरियहवा,करमटीकर,रजापुर,तेनुवहिया,मठिया इदू,सोनराडिह,कुड़िया,सेमरहवा,आराजी सुबाईन,रघुनाथपुर,गिदहा,नवाबी,कोइरीपुर,तेरहो टोला, महुआरी, छितरापार, सहित कुल दर्जनो गांव मैरूण्ड हो गया है।लेकिन अभी तक जिमेदारो द्वारा आश्वशन की घुट्टी के अलावा कुछ भी मझार वालो को नही मिला।
