योजना :अयोध्या को वैश्विक मानकों पर सर्वश्रेष्ठ धर्मनगरी बनाने का वादा यहां प्रधानमंत्री ने पिछले साल राममंदिर के कार्या आरंभ कार्यक्रम में किया था। मुख्यमंत्री बनने के बाद 29 बार अयोध्या आ चुके योगी आदित्यनाथ यह संकल्प बार-बार दोहराते हैं। रामनगरी को विश्वस्तरीय पर्यटन सिटी बनाने के क्रम में दिल्ली से सीधे अयोध्या के लिए बुलेट ट्रेन चलाई जाएगी। यह ट्रेन 320 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ेगी। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन के अधिकारियों ने शुक्रवार को अयोध्या आकर स्टेशन के लिए जमीन फाइनल करने के साथ नियत स्थान पर पत्थर भी लगा दिए। बुलेट ट्रेन का स्टेशन लखनऊ-गोरखपुर हाईवे बाईपास पर बन रहे मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र एयरपोर्ट के ठीक सामने होगा। कॉरपोरेशन ने एयरपोर्ट अथॉरिटी से एनओसी के लिए आवेदन भी किया है।
शुक्रवार को अयोध्या आए नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन के कार्यकारी निदेशक अनूप कुमार अग्रवाल के मुताबिक रामनगरी को सीधे तौर पर देश की राजधानी से जोड़े जाने की योजना है। इसके लिए एरियल लिडार सर्वे हो चुका है। योजना को स्वीकृति भी मिल गई है। एनओसी मिलते ही नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन अपना काम शुरू करेगा।परियोजना में 941.5 किलोमीटर के लिए नई पटरी बिछाई जाएगी। यह दिल्ली से आगरा-लखनऊ-प्रयागराज होते हुए वाराणसी तक जाएगी। इस परियोजना में रामनगरी को शामिल करने के लिए लखनऊ से अयोध्या के लिए अलग से पटरी बिछाई जाएगी। लखनऊ-अयोध्या 130 किमी. लिंक सेवा के रूप में रहेगी। इसमें दिल्ली से वाराणसी व दिल्ली से अयोध्या के लिए दो अलग-अलग बुलेट ट्रेन चलेंगी।
वाराणसी व अयोध्या को हाई स्पीड रेल सेवा से जोड़ने के लिए 200 लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता पड़ेगी। इसमें हाई स्पीड ट्रेन चलाने के लिए अलग से पटरियां बिछाई जाएंगी। साथ ही बड़े शहरों के ट्रैफिक को देखते हुए कुछ शहरों में भूमिगत लाइनें भी बिछाई जाएंगी। इसमें लखनऊ व आगरा शामिल हैं। पूरी योजना को धरातल पर उतारने में 7 से 8 वर्ष का समय लगेगा। इसके बाद ही देश के लोग बुलेट ट्रेन का सफर कर सकेंगे।
अयोध्या से दिल्ली के लिए बुलेट ट्रेन चलना प्रस्तावित है। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन के कार्यकारी निदेशक अनूप कुमार अग्रवाल के साथ शुक्रवार को स्टेशन के स्थान को फाइनल किया गया है। अयोध्या में बुलेट ट्रेन का स्टेशन एयरपोर्ट के ठीक सामने बनेगा। इसके लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी से एनओसी मांगी गई है।
– आरपी सिंह, सचिव विकास प्राधिकरण