वाराणसीः प्रदेश के सभी अंचलों में विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अधिकारियों एवं कार्यदायी संस्थाओं के कार्यों की समीक्षा के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग से बैठकों का आयोजन किया जा रहा है। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड मिर्जापुर की ओर से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से होने वाली बैठक में न बुलाए जाने पर सपा एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने नाराजगी जाहिर की है।
इसकी शिकायत ऊर्जा मंत्री से करते हुए अधिकारियों पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए एमएलसी ने कार्रवाई की मांग के साथ ही आगामी दिनों में सभी बैठकों में बुलाने का निर्देश अधिकारियों को देने की बात कही है। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री को भेजे पत्र में एमएलसी ने बताया कि प्रदेश के सभी अंचलों में विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अधिकारियों एवं कार्यदायी संस्थाओं के कार्यों की समीक्षा के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग से बैठकों का आयोजन किया जा रहा है।
इसमें जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति के लिए विशेष रूप से आमंत्रित करने के लिए प्रबंध निदेशक पावर कार्पोरेशन की ओर से अधिकारियों को क्षेत्र के सांसद, विधायक को बैठक में बुलाने का निर्देश दिया गया। लेकिन अधिकारियों द्वारा सत्तापक्ष एवं विपक्ष के जनप्रतिनिधियों को ध्यान में रखकर उनके प्रति गलत कार्यशैली अपनाई गई, जो अनैतिक एवं संविधान की मूल भावना के विरुद्ध है। भारतीय संविधान एवं प्रशासनिक आचरण संहिता की खुलेआम अवमानना है।
बिजली विभाग की ओर से शनिवार को न्याय उपभोक्ता के द्वार कार्यक्रम के तहत जन अदालत का आयोजन किया गया है। अधिशासी अभियंता आरबी शर्मा ने बताया कि विद्युत वितरण खंड प्रथम सिगरा कार्यालय पर होने वाले जन अदालत में उपभोक्ताओं की समस्याओं को सुनकर उसका समाधान कराया जाएगा। इस दौरान विद्युत उपभोक्ता निवारण फोरम के कार्यकारी अध्यक्ष ई विजय रंजन सिन्हा, सचिव ई. पंकज सिंह मौजूद रहेंगे।
