Uttar Pradesh

यूपी: श्रावस्ती में आई बाढ़ व कटान का जायजा लेने पहुंचे सीएम योगी, अफसरों को दिया निर्देश…..

श्रावस्ती: उत्तर प्रदेश के कई जिले इन दिनों बाढ़ की चपेट में हैं। श्रावस्ती में बाढ़ ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। बाढ़ ने खेत खलिहान में लगे फसलों को बर्बाद कर दिया है। इसलिए श्रावस्ती जिले में आई बाढ़ व कटान का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बृहस्पतिवार जमुनहा पहुंचे। जहां राप्ती बैराज स्थित गेस्ट हाउस में छह व सात जुलाई की रात रेस्क्यू कर बचाई गई रेखा देवी व फ्लड पीएसी के जवानों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया साथ ही इन्हें बाद में अलग से सम्मानित करने व जिनके पास आवास नहीं है उन्हें आवास देने की बात कही।

इसके साथ ही बाढ़ में डूबे चार परिवारों को राहत चेक व बाढ़ प्रभावितों को बाढ़ राहत किट प्रदान किया। इस दौरान मोटर बोट से नदी के दूसरे तरफ जाकर बाढ़ प्रभावितों से मिल कर उनका हाल भी जाना। इस दौरान बाढ़ के पानी में डूबे केवटन पुरवा निवासी लालजी पुत्र डेवा व चेतराम पुत्र फकीर तथा नौखान में डूबी सेहनिया निवासी शाहजहां पुत्री अकबर व जैनब उर्फ निबरी पुत्री मोहर अली के परिजनों को चार चार लाख रुपये का चेक प्रदान किया। इसके साथ ही शिकारी चौड़ा के बुद्धी, भोला, हरिहरपुर कानपुर पिपरहवा कोठी के छेदू व महंगू, वीरपुर लौकिहा के नादिर व जगदीश प्रसाद, जोगिया के राजेंद्र प्रसाद, रीता देवी, रामदयाल व शांति देवी सहित 100 बाढ़ पीडि़तों को राहत किट प्रदान किया।

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि श्रावस्ती में 116 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। जहां पंद्रह गांवों में कटान हुई है। 76 हजार आबादी व 23500 हेक्टेअर कृषि भूमि प्रभावित है। बचाव राहत के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ व फ्लड पीएसी के साथ नाव आदि की व्यवस्था की गई है। जिले में चार जनहानि हुई है। सीएम योगी ने कहा कि इस बार भारी तैयारी होनी चाहिए ताकि कोई भूखा प्यासा न रहे। बाढ़ व कटान प्रभावित गांव में सर्पदंश व जानवरों के काटने की घटनाएं हो सकती है। इसके लिए सभी सीएचसी में एंटी स्नेक वेनम व एंटी रैबीज उपलब्ध कराने को कहा गया है। सरकार ऐसी स्थिति में तत्परता से कार्य कर रही है।

उन्होने बताया कि उत्तर प्रदेश में 33 तहसील, 633 गांव व 17 लाख 97 हजार आबादी बाढ़ की चपेट में आई है। जहां 18 हजार से अधिक पशु व एक लाख 45 हजार हेक्टेअर कृषि भूमि अचानक जलप्लावन के कारण प्रभावित हुई है। सभी गांवों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, फ्लड पीएसी व स्थानीय स्तर पर नौकाओं की व्यवस्था की गई है। 1033 बाढ़ चौकी स्थापित कर वहां बाढ़ पीड़ितों को रखा जा रहा है। जिनके घर में पानी भर गया है। उन्हें रेस्क्यू करने की व्यवस्था की गई है।

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