दिल्ली हाईकोर्ट: उच्च न्यायालय ने आबकारी नीति को लेकर दिल्ली सरकार से सवाल किया है कि- वह यह कैसे सुनिश्चित करेगी कि नई आबकारी नीति के तहत कम उम्र के लोगों को होम डिलीवरी पर शराब उपलब्ध नहीं कराई जाएगी। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने इस मुद्दे पर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार से यह भी पूछा कि शराब की होम डिलीवरी से आप शराब खरीदने वाले की आयु का सत्यापन कैसे करेंगे?
दिल्ली सरकार के वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने कहा कि यह केवल मौजूदा नियम में संशोधन है और यह अभी अस्तित्व में नहीं आया है। उन्होंने कहा कि जब भी यह अस्तित्व में आएगा आधार संख्या या कोई अन्य आयु प्रमाण देने के प्रावधान होंगे। नई नीति के तहत दिल्ली में शराब पीने की कानूनी उम्र 21 साल है।
दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि केवल तौर-तरीके बदल गए हैं और होम डिलीवरी की व्यवस्था पिछले 20-30 वर्षों से मौजूद है। उन्होंने कहा पहले शराब की होम डिलीवरी के लिए आवेदन करने का तरीका ईमेल या फैक्स के जरिये होता था। अब इसे किसी मोबाइल एप के जरिये करना होगा।
सरकार की नई आबकारी नीति को लेकर कई याचिकाएं हाईकोर्ट में लंबित है। अदालत ने सभी तथ्यों को रिकार्ड पर लाने का निर्देश देते हुए सुनवाई 18 नवंबर तय की है।
