सियासत का सफर : लखनऊ में हुए विधायक दल की बैठक के बाद नवनिर्वाचित विधायकों और विधान परिषद सदस्यों की बैठक हुई। बैठक में अखिलेश यादव को विधायक दल का नेता चुना गया है। सपा के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में न बुलाने से आहत शिवपाल सिंह यादव इटावा चले गए। चाचा शिवपाल और भतीजे अखिलेश के बीच फिर दूरियां बढ़ती नजर आ रही हैं।
वह सपा के चुनाव चिह्न साइकिल पर विधायक बने हैं। फिर भी सपा उन्हें अपना मानने के बजाय सहयोगी दल का नेता मानती है। अब उन्हें सहयोगियों की बैठक में बुलाने की दुहाई दी जा रही है। सपा से गठबंधन के बाद शिवपाल ने न सिर्फ अखिलेश को अपना नेता घोषित किया बल्कि यहां तक कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेंगे।
चाचा-भतीजे के बीच चल रही अंतरद्वंद्व का खुलासा तब हुआ, जब शिवपाल को सपा के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में बुलाया नहीं गया। बैठक में न बुलाए जाने से आहत शिवपाल ने एक टीवी चैनल पर कहा कि वह सपा की सक्रिय सदस्यता लेने के बाद विधायक बने हैं। सभी विधायकों को फोन कर बुलाया गया, लेकिन उन्हें नहीं। दो दिन राजधानी में रहकर इंतजार कर रहे थे। फिर भी बुलावा नहीं आया तो अब इटावा जा रहे हैं।
सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि 28 मार्च को सपा गठबंधन में शामिल सभी दलों के नेताओं को बुलाया गया है। उसमें शिवपाल, पल्लवी पटेल, ओम प्रकाश राजभर सहित अन्य नेताओं को बुलाया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सभी सहयोगियों को एक साथ बुलाया जाएगा।
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