2024 की तैयारी: देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा है। पांच राज्यों में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस अब आत्ममंथन मोड में आ गई है। कांग्रेस अब यूपी में गठबंधन की राजनीति पर फोकस करेगी। विधानसभा में अकेले लड़ने से हुई फजीहत के बाद इस दिशा में गंभीरता से मंथन हो रहा है।
प्रदेश में कांग्रेस संसदीय इतिहास के सबसे खराब दौर से गुजर रही है। इस विधानसभा चुनाव में उसकी ‘एकला चलो’ की नीति के कारण उसे ढाई फीसदी वोट भी नहीं मिले और दो सीटों पर सिमट गई। सूत्रों का कहना है कि पार्टी अपनी रणनीति पर पुनर्विचार कर रही है। चुनाव से पहले पार्टी ने कई नए प्रयोग किए, पर अपेक्षित सफलता नहीं मिली।
रणनीतिकारों का मानना है कि मुद्दे ठीक थे, संघर्ष का मॉडल भी ठीक था, पर जनता का भरोसा नहीं जीत सके। कांग्रेस ने यूपी में गठबंधन की राजनीति को ध्यान में रखते हुए जगह बनाने की कार्ययोजना तैयार की है। यही वजह है कि पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी और बाद में मल्लिकार्जुन खड़गे ने यूपी विधानसभा चुनाव से पहले बसपा से गठबंधन के प्रयासों का खुलासा किया।
हाईकमान का मानना है कि जिस तरह से तमिलनाडु और बिहार में कांग्रेस प्रमुख क्षेत्रीय दलों के साथ चुनाव लड़ती है, वैसी ही संभावनाएं यहां भी तलाश की जाएं।
