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हर घर तिरंगा अभियान: राजधानी में हर रोज बन रहे 25 लाख झंडे, 500 करोड़ तक जा सकता है तिरंगे का करोबार, इस वर्ष झंडे की बिक्री कई गुना बढ़ी

हर घर तिरंगा अभियान: 15 अगस्त 2022 को भारत की आजादी के 75 साल पूरे हो रहे हैं, स्वतंत्रता दिवस को लेकर चारों ओर उत्साह नजर आ रहा है l देश आजादी के 75 साल पूरे होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है। इस मौके पर केंद्र सरकार ने 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान के तहत तिरंगा फहराने का आह्वान किया है। सरकार के इस अभियान के कारण इस वर्ष झंडे की बिक्री कई गुना बढ गई है।

इस अभियान का सीधा फायदा झंडे बनाने वाले कारोबारियों को हो रहा है, जिन्हें सरकार के इस कदम के चलते 25 से 30 करोड़ तिरंगे बिकने की उम्मीद है। केंद्र सरकार ने इस बार पॉलिएस्टर व मशीन से बने झंडे भी फहराने की इजाजत दे दी है। इसके सबसे ज्यादा ऑर्डर गुजरात में सूरत के करोबारियों को मिले है। व्यापारियों का कहना है कि, हर साल 15 अगस्त 200 से 250 करोड़ रुपए के तिरंगे बिकते है। मगर इस वर्ष इनकी बिक्री 500 से 600 करोड़ तक पहुंच सकती है।

पहले तिरंगा खादी और दूसरे कपड़े से ही बनता था। मगर अब भारतीय ध्वज संहिता में बदलाव करते हुए सरकार ने पॉलिएस्टर व मशीनों से भी झंडे बनाने को मंजूरी दे दी है। इसके देखते हुए कई व्यापारियों ने पहली बार तिरंगा बनाने का काम भी शुरू कर दिया है। इन व्यापारियों को जो ऑर्डर मिले है इनमें ज्यादातर झंडे केंद्र सरकार के पास जाने वाले हैं और कुछ ऑर्डर राज्य सरकार ने भी दिए है। सरकारी ऑर्डर वाले झंडे 16×24 और 20×30 इंच के होंगे। जिनकी कीमत 20 से 35 रुपए है।

इधर दिल्ली के झंडा करोबारियों को भी पिछले वर्ष की तुलना में इस साल बड़ा करोबार मिला है। यहां करीब 4 से 5 करोड़ झंडे बिकने की उम्मीद है। जबकि पहले स्वतंत्रता दिवस पर महज 40 से 50 लाख झंडे ही बिकते थे।कन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स के अनुसार, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, ओडिसा, बिहार, राजस्थान, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश आदि राज्यों में बेहद बड़े स्तर पर तिरंगे झंडे तैयार करने का काम चल रहा है।

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