वाराणसी: पूर्व विधायक अजय राय ने अपने अधिवक्ताओं के साथ कोर्ट में समर्पण कर तीन अलग-अलग मामलों में जमानत के लिए अर्जी दी थी। पूर्व विधायक अजय राय को तीन अलग-अलग मामलों में जमानत अर्जी अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/एमपी-एमएलए कोर्ट उज्जवल उपाध्याय की अदालत ने गुरुवार को मंजूर कर ली। 25-25 हजार रुपए की दो जमानतें एवं बंधपत्र देने पर पूर्व विधायक को रिहा करने का आदेश दिया।
अदालत में पूर्व विधायक के अधिवक्ता अनुज यादव व विकास सिंह के अनुसार अजय राय के खिलाफ बड़ागांव थाने में 22 फरवरी 2017 को प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। आरोप था कि तत्कालीन कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय बाबतपुर-कपसेठी मार्ग पर 20-25 मोटर साइकिल पर 40-50 लोगों के साथ बिना अनुमति के जनसभा कर रहे थे।
इसी तरह एक जुलाई 2017 को चेतगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। आरोप था कि पूर्व विधायक अपने समर्थकों के साथ लहुराबीर चौराहे पर सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस के रोकने पर पुलिस टीम से उलझ गए। वहीं, सिगरा थाने में भी 17 सितंबर 2020 को प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। आरोप था कि कांग्रेस के कार्यकर्ता व एनएसयूआई के कार्यकर्ता सैकड़ों की संख्या में सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए भारत माता मंदिर परिसर की ओर जा रहे थे।
इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था के तहत मौके पर पहुंची पुलिस ने जब उन्हें रोकने और अनुमति न होने का हवाला दिया तो वह लोग उग्र हो गए और पुलिस टीम से उलझने का प्रयास करने लगे। इन्ही तीनों मामलों में अजय राय के खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी किया था।
