हेलिकॉप्टर दुर्घटना: तमिलनाडु कुन्नूर में हुए सैन्य विमान हादसे में सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी और 11 सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। इस हादसे ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। बाद में हादसे में जीवित बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की भी इलाज के दौरान मौत हो गई थी हादसे के बाद सरकार ने इसकी तीन पक्षीय जांच के आदेश दिए थे।
इस दुर्घटना मामले में गठित जांच टीम 31 दिसंबर को रिपोर्ट सरकार को सौंप सकती है। टीम का नेतृत्व एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह कर रहे हैं। सरकार के मुताबिक ब्लैक बॉक्स से प्राप्त डाटा के आधार पर विश्लेषण कर जांच प्रक्रिया चल रही है। वहीं वायुसेना ने कहा कि मामले की जांच रिपोर्ट दाखिल करना बाकी है।
इस हादसे की जांच भारतीय वायुसेना के अधिकारी और देश के सबसे उम्दा हेलिकॉप्टर पायलट रहे एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह, भारतीय सेना के ब्रिगेडियर रैंक के एक अधिकारी और भारतीय नौसेना कर रही है। जांच दल ने हादसे के अगले दिन से ही अपना काम शुरू कर दिया था। जांच टीम ने चश्मदीदों के बयान दर्ज करना शुरू कर दिया था, लेकिन इनमें से कुछ ने अपना बयान बदल दिया। जो की तमिलनाडु नीलगिरी में दुर्घटनास्थल के करीब मौजूद थे।
जांच दल ने हेलीकॉप्टर के ब्लैक बॉक्स की जांच भी शुरू कर दी थी। इसके लिए बेंगलुरु और दिल्ली के तकनीकी अधिकारियों की मदद ली गई। ब्लैक बॉक्स काफी सुरक्षित हालत में मिला था और फ्लाइट के सारे डाटा और पायलट व एटीसी की बातचीत के रिकार्ड सुरक्षित हैं।
आठ दिसंबर को हुई इस दुर्घटना के बाद वायुसेना ने कहा कि इस दुखद हेलीकॉप्टर दुर्घटना की जांच के लिए ट्राई सर्विस कोर्ट ऑफ इनक्वायरी गठित की गई है। जल्द ही दुर्घटना के पीछे की वजह का पता लग जाए। तब तक के लिए उचित होगा कि लोग किसी तरह की कयासबाजी से बचें। यह हादसे के शिकार हुए लोगों के लिए सम्मान होगा।
