सियासत: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गैर-भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के नेताओं को पत्र लिखकर उनसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होने की अपील की थी। अब आगामी चुनावों में भाजपा के खिलाफ मोर्चा बनाने के लिए कांग्रेस-तृणमूल फिर साथ आएंगे।
भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने के ममता बनर्जी के प्रयासों की कांग्रेस नेताओं ने सराहना कर इसके संकेत दिए हैं। कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को विपक्षी खेमे में अहम भूमिका निभानी होगी। कांग्रेस के असंतुष्ट खेमा जी-23 के नेता आनंद शर्मा ने कहा, यह (विपक्षी एकता) कांग्रेस की घोषित स्थिति है। कांग्रेस अध्यक्ष और कार्यकारी समिति ने इस पर जोर दिया है।
कांग्रेस नेताओं का यह भी मानना है कि अन्य विपक्षी दलों व 137 साल पुरानी पार्टी के बीच छोटे-मोटे मतभेदों को भुला देना चाहिए, क्योंकि गैर-भाजपा नेता, भाजपा जैसी ताकत को हराने के लिए एकजुट होने का प्रयास कर रहे हैं। भाजपा ने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाएं धराशायी हो गई हैं, जबकि कांग्रेस ने कहा कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ दल के पास भाजपा से लड़ाई में विश्वसनीयता की कमी है।
विपक्षी एकता पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, बनर्जी विपक्ष का एक मजबूत स्तंभ हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए हर राज्य में मतविभाजन को रोकने के वास्ते विपक्ष को संयुक्त होना चाहिए। वहीं ममता द्वारा अतीत में कांग्रेस की आलोचना के सवाल पर मनीष तिवारी ने कहा कि जब देश को बचाने की चुनौती हो तब ऐसे छोटे-मोटे मतभेदों को भुला देना चाहिए।
