लखनऊ: 18 साल से कम आयु के छात्रों के वाहन चलाने पर उत्तर प्रदेश में प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस संबंध में निदेशक माध्यमिक शिक्षा महेंद्र देव की तरफ से सभी जिलों के जिला विद्यालय निरीक्षकों को आदेश जारी किया गया है। अपने आदेश में उन्होंने कहा है जिस भी छात्र की आयु 18 वर्ष से कम है वह दो पहिया या चार पहिया वाहन चलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध होगा। इन्हें अगर कोई अपना वाहन चलाने के लिए देता है तो संबंधित वाहन स्वामी को 3 साल की सजा और ₹25000 का जुर्माना देने का प्रावधान होगा। इसके अलावा नाबालिग का लाइसेंस भी अगले 25 वर्ष बाद ही बनाया जाएगा। इसके लिए सभी जिला विद्यालय निरीक्षक अपने-अपने जिलों में संबंधित विद्यालयों और परिवहन अधिकारी के साथ मिलकर इस आदेश को पालन करना सुनिश्चित करें। 18 साल से कम आयु के बच्चे कोई भी मोटर वाहन न चलाएं, इसके लिए जागरूकता के साथ सख्ती भी की जाएगी।
प्रदेश में शासन की ओर से इसे लेकर जारी निर्देश के बाद परिवहन विभाग के सहयोग से माध्यमिक विद्यालयों में सख्ती की जाएगी। इसके लिए अभियान चलाकर युवाओं को जागरूक किया जाएगा। साथ ही छात्रों को सड़क सुरक्षा के प्रति विभिन्न माध्यमों से जानकारी भी दी जाएगी। इसके तहत हर विद्यालय में एक रोड सेफ्टी क्लब का गठन किया जाएगा। सभी कक्षाओं में एक-एक विद्यार्थी को रोड सेफ्टी कैप्टन बनाया जाएगा। विद्यालय में एक क्लास सड़क सुरक्षा की जानकारी पर भी लगेगी। हर विद्यालय में एक शिक्षक को नोडल बनाकर परिवहन विभाग के सहयोग से ऑनलाइव व ऑफलाइन प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
हाल में परिवहन आयुक्त चंद्र भूषण सिंह की ओर से इसे लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें कम उम्र में वाहन चलाने से होने वाली दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही माध्यमिक शिक्षा निदेशक से इसके लिए विद्यालयों में अभियान चलाने को कहा गया है। इसी क्रम में माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने सभी डीआईओएस को इसके लिए निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा है कि छात्रों को बताया जाए कि बिना लाइसेंस के वाहन चलाने पर उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। शिक्षकों को भी रोड सेफ्टी नोडल शिक्षक नामित किया जाए। प्रार्थना सभा में विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा की जानकारी दें और उन्हें इसकी शपथ भी दिलाई जाए। विद्यालयों में सड़क सुरक्षा के नियमों से संबंधित वॉल पेंटिंग कराई जाए। विद्यार्थियों के वाट्सअप ग्रुप बनाकर इससे संबंधित जानकारी व सुझाव साझा किए जाएं। निदेशक ने कहा है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म का भी इसके लिए प्रयोग किया जाए।
