नाग पंचमी 2022: इस बार 2 अगस्त को नागपंचमी है। ये दिन उज्जैन में खास रहता है। महाकाल की नगरी उज्जैन को मंदिरों का शहर कहा जाता है, इस शहर की गली में नागचंद्रेश्वर मंदिर की आभा बेहद निराली है l इस मंदिर की सबसे खास बात ये है कि मंदिर के कपाट सिर्फ नाग पंचमी के दिन ही खुलते हैं l उज्जैन के महाकाल मंदिर में नागपंचमी की तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं। साल में एक बार खुलने वाले नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए प्रशासन ने इस बार खास इंतजाम किए हैं।

इस बार भक्तों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पैदल पुल के माध्यम से दर्शन करवाए जाएंगे। इसके पहले तक अस्थायी सीढ़ियां बनाकर दर्शन कराए जाते थे। सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस अस्थायी पुल का लोकार्पण कर सकते हैं। इस पैदल पुल को केंद्रीय भवन अनुसंधान रूड़की और लोक निर्माण विभाग की ओर से भी पास कर दिया गया है।
बता दें कि महाकालेश्वर मंदिर के शीर्ष पर भगवान नागचंद्रेश्वर का मंदिर है, जो सालभर में एक दिन सिर्फ नागपंचमी पर ही खुलता है। 24 घंटे भक्तों के लिए मंदिर खुला रहता है। इस दिन नागचंद्रेश्वर के दर्शन करने बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। सोमवार रात 12 बजे मंदिर के गेट खोले जाएंगे, कलेक्टर आशीष सिंह पूजा करेंगे फिर भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर खोल दिया जाएगा। मंगलवार रात 12 बजे पूजन के बाद फिर एक साल के लिए मंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे।

बताया गया कि नागपंचमी पर अखाड़े की परंपरा अनुसार भगवान नागदेवता की त्रिकाल पूजा होती है। पहली पूजा सोमवार रात 12 बजे होगी, जो महानिर्वाणी अखाड़े द्वारा करवाई जाएगी। मंगलवार दोपहर 12 बजे दूसरी पूजा होगी, जिसमें शासन का सहयोग रहेगा। सोमवार शाम भगवान महाकाल की संध्या आरती के बाद तीसरी पूजा होगी। इसे मंदिर प्रबंध समिति करवाएगा।