तीनों कृषि कानून के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन को लेकर भाजपा की नेता मीनाक्षी लेखी के टिप्पणी पर कई सवाल लगातार उठ रहे है। इस बीच उनके बयानों पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी कहा कि उनके दिल में जो भी है उनके मुंह से निकला है, उन्होंने कहा कि जब बॉर्डर पे बैठे थे तब भी यहीं कहा, अब भी कहा। मावली किसान आए हैं, ऐसे बातें करना किसी को शोभा नहीं देता, बीजेपी किसानों के खिलाफ काम कर रही है, किसान विरोधी सरकार है। इसके बाद वो यहीं नहीं रूके उन्होंने आगे कहा, हमने तो तोमर जी को भी बताया कि कानूनों में क्या कमियां हैं। उन कमियों को दूर कर कानून वापिस लेना चाहिए। आमीर लोग और अमीर बनेंगे गरीब और गरीब बनेंगे।
जिसके बाद मीनाक्षी लेखी ने उनके बयानों पर सफाई देते हुए कहा कि मुझसे सवाल पूछा गया कि 26 जनवरी को जिन्होंने लाल किले पर तिरंगे का अपमान किया, उनके बारे में आपको क्या कहना है? प्रेस के व्यक्ति के साथ मारपीट की गई, उसके बारे में आपका क्या कहना है? जवाब में मैंने कहा, किसानों का काम नहीं हो सकता, ये तो मवाली हैं। मेरे बयान का गलत मतलब निकाला जा रहा है, मेरे किसानों से संबंधित बयानों से किसी को दुख पहुंचा है तो मैं अपने शब्द को वापस लेती हूं। गौरतलब है कि लेखी का ये बयान गुरुवार को भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान आया जब आंदोलनकारियों को किसान कहकर संबोधित करने पर उन्होंने कहा, फिर आप उन लोगों को किसान बोल रहे हैं, वो मवाली हैं।