रूस- यूक्रेन युद्ध: पूरी दुनिया की नजर यूक्रेन में चल रही जंग पर लगी हुई है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा जंग छेड़ने के बाद रूस पर लगे कड़े आर्थिक प्रतिबंधों का असर अब आम रूसी पर दिखने लगा है, जिनके चलते उनका जीना मुहाल हो रहा है। राजधानी मास्को समेत कई शहरों में लोग अब नकदी निकालने से लेकर विभिन्न भुगतान माध्यमों का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं।
वस्तुओं के दाम तेजी से उछल रहे हैं तो कुछ सुपरमार्केट ने एक व्यक्ति द्वारा खरीदी जाने वाली आवश्यक वस्तुओं की सीमा तक निर्धारित कर दी है। प्रतिबंधों का खामियाजा भुगत रहे रूसियों का कहना है कि वे जंग नहीं चाहते और इसे फौरन रोक देना चाहिए।
गौरतलब है कि पश्चिमी प्रतिबंधों के तहत रूस के बड़े बैंकों को स्विफ्ट भुगतान तंत्र से बाहर कर दिया गया है और मास्को का विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल भी सीमित कर दिया है। इन कदमों से रूबल को विदेशी मुद्रा में परिवर्तित कराने में समस्या हो रही है तो एटीएम पर भी लंबी कतारें हैं। कई बैंकों के क्रेडिट कार्ड ने काम करना बंद कर दिया है।
मास्को से 250 किमी दूर यारोस्लावल की निवासी इरिना बिरियुकोवा ने बताया, वह अब एटीएम के जरिये अपने बैंक खाते में केवल सीमित राशि ही जमा कर पा रही हैं। अधिकांश एटीएम तो काम ही नहीं कर रहे हैं। कुछ स्थानीय व्यापारियों के मुताबिक, देशभर में खाद्य पदार्थों के दाम तेजी से बढ़ने लगे हैं। खाने-पीने के कच्चे माल की कीमतें 40 फीसदी तक बढ़ गई हैं।
रूस के एक विपक्षी नेता के मुताबिक, नागरिकों को बढ़ती कीमतों, तनख्वाह-पेंशन भुगतान में देरी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों की नौकरियां जा रही हैं। दवाओं व चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति में भी कमी आने लगी है। कमोबेश 1990 के दशक में सोवियत संघ के विघटन काल की याद आने लगी है।
