राजनीति: लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर बना गतिरोध कल रात तक जारी रहा।
लेकिन आज समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर फिर एक दौर की बात हुई है। जिसमे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गठबंधन के तहत अब कांग्रेस के लिए 17 लोकसभा सीटें छोड़ने का फैसला लिया है। बता दें कि कांग्रेस 17 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार भी है बशर्ते समाजवादी पार्टी उसे श्रावस्ती और लखीमपुर खीरी सीट दे दे।
सूत्रों का कहना है कि समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और कांग्रेस हाई कमान के बीच बुधवार सुबह सीटों को लेकर एक बार फिर बातचीत हुई है। कांग्रेस ने 17 सीट पर चुनाव लड़ने पर सहमति जताई है लेकिन कांग्रेस चाहती है कि लखीमपुर खीरी और श्रावस्ती सीट उसे दी जाए। इसके बदले में वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बुलंदशहर सीट छोड़ने को तैयार हैं। इस प्रस्ताव पर समाजवादी पार्टी ने विचार कर बृहस्पतिवार को अंतिम फैसला सुनाने की बात कही है।
दोनों दलों के बीच सीटों को लेकर बने गतिरोध के कारण सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव घोषणा करने के बावजूद रायबरेली में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल नहीं हुए। न्याय यात्रा मंगलवार को अमेठी, रायबरेली से होते हुए लखनऊ आई, लखनऊ में भी राहुल की यात्रा में सपा का कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ, और यात्रा बुधवार सुबह उन्नाव के लिए रवाना हो गई।। इससे यह मान लिया गया था कि यूपी में भी इंडिया गठबंधन टूट गया है। हालांकि, कांग्रेस के सहमत हो जाने के बाद कहा जा सकता है कि यूपी में इंडिया गठबंधन बना रहेगा। बता दें कि सपा ने भी मंगलवार देर शाम 11 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी थी। इसमें वाराणसी सीट पर भी अपना प्रत्याशी उतार दिया जो कि पहले कांग्रेस को देने की बात कही गई थी।
सूत्रों के मुताबिक सपा ने कांग्रेस को अमेठी, रायबरेली, बाराबंकी, सीतापुर, कैसरगंज, वाराणसी, अमरोहा, सहारनपुर, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, बुलंदशहर, फतेहपुर सीकरी, कानपुर, हाथरस, झांसी, महराजगंज और बागपत सीट दी है।
