गेहूं निर्यात: भारत सरकार ने देश में गेहूं का कम उत्पादन का हवाला देते हुए व कीमतों पर काबू पाने के लिए 13 मई को इसके निर्यात पर रोक लगा दी थी l इसके बाद से बड़ी मात्रा में गेहूं निर्यात के लिए देश के अलग-अलग बंदरगाहों पर गेहूं का भंडार पड़ा हुआ है l पर अब भारत सरकार जल्द ही 12 लाख टन गेहूं के निर्यात को हरी झंडी दिखा सकती है l अतः बंदरगाहों पर फंसे गेहूं के भंडार को निकालने के लिए जल्द यह फैसला लिया जा सकता है।
हालांकि, सरकार की मंजूरी के बाद भी विभिन्न बंदरगाहों पर अब भी 5 लाख टन गेहूं फंसे पड़े हैं क्योंकि कुछ कारोबारियों को अभी तक निर्यात करने का परमिट नहीं मिल पाया है। सरकार ने 14 मई को कीमतों पर काबू के लिए गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। जिनको क्रेडिट लेटर (एलसी) मिल चुका था, उनको निर्यात की मंजूरी थी। 14 मई से पहले के एलसी के आधार पर सरकार निर्यात के लिए पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी कर सकती है।
चीनी निर्यात इस साल मई तक 86 लाख टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। 2020-21 में 70 लाख टन चीनी का निर्यात हुआ था, जबकि 3.11 करोड़ टन उत्पादन हुआ था। उधर, सरकार ने तीन जून तक अनुपातिक आधार पर 10 लाख टन चीनी निर्यात करने का आदेश जारी किया है।
