यूपी: यूपी में कोविड के दौरान भर्ती हुए 5000 संविदा स्वास्थ्य कर्मी हुए बेरोजगार, आंदोलन की चेतावनी…

यूपी: उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी के समय विभिन्न अस्पतालों और जांच केंद्रों पर संविदा पर तैनात किए गए पांच हजार स्वास्थ्य कर्मियों को सेवा विस्तार नहीं मिला है। 1 जुलाई से करीब 5000 स्वास्थ्य कर्मी बेरोजगारी की राह पर बढ़ गए हैं। एक के बाद एक जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों की ओर से इनसे काम न लेने का आदेश जारी किया जा रहा है। ऐसे में कोविड काल में जान-जोखिम में डालकर रोगियों की सेवा करने वाले यह संविदा कर्मचारी गुस्से में हैं। अब वह आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं। 30 जून के बाद इन्हें सेवा विस्तार नहीं दिया गया है।

बता दें, कोरोना काल के दौरान स्वास्थ्य विभाग में जिला स्वास्थ्य समिति के जरिए करीब 7000 से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती की गई थी। इसमें करीब 2000 की सेवा समाप्त हो चुकी है। कोरोना खत्म होने के बाद भी करीब 5000 स्वास्थ्य कर्मियों को अस्पतालों में और जांच केंद्रों पर अलग-अलग पदों पर तैनाती दी गई। इन सभी को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से तीन-तीन माह का सेवा विस्तार मिलता रहा, लेकिन 30 जून के बाद इन्हें सेवा विस्तार नहीं मिला है। ऐसे में अब इनकी सेवा न लेने का आदेश जारी किया जा रहा है।

संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री सच्चिता नन्द मिश्रा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को पत्र भेजकर स्वास्थ्य कर्मियों को बेरोजगार होने से बचाने की गुहार लगाई है। भेजे गए पत्र में यह भी बताया कि उपमुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि कोरोना काल के दौरान काम करने वाले कर्मचारियों को समायोजित किया जाएगा लेकिन अभी तक इस संबंध में आदेश जारी नहीं किया गया है। कई बार शासन को प्रस्ताव पत्र से अवगत कराया है कि जिले के चिकित्सालयों में कर्मचारियों की कमी है। तभी इन कर्मियों से कोरोना काल के बाद भी काम लिए जा रहा है तो इनकी सेवाएं निरंतर जारी किया जाय। किसी अन्य मद से बजट की व्यवस्था हो।

बता दें कि कोरोना महामारी के समय रोगियों की जांच व उपचार के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम), उत्तर प्रदेश ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, लैब टेक्नीशियन, स्टाफ नर्स, कंप्यूटर आपरेटर, आयुष चिकित्सक और नान मेडिकल साइंटिस्ट इत्यादि के पदों पर संविदा पर सात हजार लोगों की भर्ती की थी।

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