यूपी चुनाव 2022: 403 विधानसभा सीट वाले उत्तर प्रदेश में चुनावी हलचलें काफी तेज हो गई है। राजनीतिक बयानबाजी से नेता एक-दूसरे पर निशाना साध रहे। चुनावी वादों की भी बौछार होने लगी है। धरना-प्रदर्शन भी खूब होने लगे हैं। इसी क्रम मे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि 2022 में लोकतंत्र को बचाने का अंतिम चुनाव है। भाजपा अपनी नाकामियों को लेकर बुरी तरह बौखला गई है।
विधानसभा चुनावों में अपनी हार सुनिश्चित देखकर भाजपा लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या पर उतारू हो गई हैं। ऐसा पहली बार हुआ जब राजनीति में विश्वास का संकट पैदा हुआ है। सत्ताशीर्ष की भाषा अभद्र, मर्यादाविहीन और निंदापरक होती जा रही है। भाजपा राज में किसान तबाह है। नौजवान रोजगार के लिए भटक रहे हैं। उद्योग और कामधंधे बंद है। भाजपा राज में प्रदेश की जनता कराह रही है। चारों ओर समाजवादी पार्टी की लहर चल रही है।
कालाधन वापस लाने और हर एक के खाते में 15-15 लाख रुपये जमा होने के वादों का तो अब जिक्र भी नहीं होता है। भाजपा ने वास्तव में कालाधन के समानांतर अर्थव्यवस्था कायम कर रखी है। जब तक भाजपा रहेगी तब तक कालाधन का धंधा बंद नहीं होगा। भाजपा ने जितने वादे किए या अपने संकल्प पत्र में लिखे थे, उनमें एक भी पूरा नहीं किया।
