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वाराणसी: बीएचयू के नेत्र विशेषज्ञ ने दी ये सलाह, कोरोना काल में कंप्यूटर विजन सिंड्रोम का खतरा बढ़ा, 40 साल से कम उम्र वालों में अधिक खतरा

वाराणसी: हम सब इस महामारी कोरोना काल में मोबाइल और कंप्यूटर का बहुत उपयोग करने लगे हैं, चाहे वर्क फ्रॉम होम जॉब हो या online स्टडी! अगर आप भी  कंप्यूटर पर अधिक देर तक काम करते हैं या फिर ज्यादा मोबाइल का प्रयोग करते हैं तो सावधान होने की जरूरत है। इससे आपके आंखों में जलन के साथ ही सिरदर्द, भारीपन और सूखापन की समस्या हो सकती है।

बीएचयू के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. आरपी मौर्या की ओपीडी में इस तरह की समस्याओं के साथ कई मरीज पहुंच रहे हैं। इसे चिकित्सकीय भाषा में कंप्यूटर विजन सिंड्रोम कहते हैं। कोरोना काल में जब लोग सबसे अधिक घरों पर रहे तो कंप्यूटर के साथ ही मोबाइल का भी इस्तेमाल खूब हुआ। बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन होने की वजह से भी समस्या बढ़ी।

कंप्यूटर विजन सिंड्रोम की समस्या 40 साल से कम उम्र वालों में अधिक हुई, जिसमें युवा, बच्चे भी शामिल हैं। डॉ. मौर्या के अनुसार कोरोना काल से पहले ओपीडी में आने वाले करीब 100 मरीजों में 10 से 15 मरीज कंप्यूटर विजन सिंड्रोम वाले लक्षण के आते थे लेकिन इस समय यह संख्या बढ़कर 20 से 25 हो गई है।

करीब आधे मरीज 20 साल से कम उम्र वाले हैं। डॉ. आरपी मौर्या का कहना है कि ओपीडी में आने वाले मरीजों, परिजनों को इससे बचाव के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है।

ऐसे करें बचाव
1. 20 से 25 सेंटीमीटर की दूरी कंप्यूटर स्क्रीन और आंखों के बीच होनी चाहिए।
2. कंप्यूटर पर काम करते समय मॉनीटर 20 से 30 अंश के कोण पर झुका हो
3. एक मिनट में कम से कम छह से सात बार पलक झपकाना चाहिए
4. जरा सी परेशानी हो तो नेत्र रोग विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
5. लगातार तीन से चार घंटे तक कंप्यूटर पर काम न करें। बीच में आराम जरूर ले।
6. कंप्यूटर स्क्रीन पर एंटी रिफ्लेक्टिव ग्लेयर रिडक्शन फिल्टर का प्रयोग करना चाहिए।

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