उत्तराखंड में चार धाम यात्रा को लेकर विवाद अब भी जारी है। अब उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए CM तीरथ सिंह रावत के शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने दावा किया है कि यात्रा के लिए पुख्ता व्यवस्था की गई है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि चार धाम यात्रा उत्तराखंड के लिए जरूरी है। बताया जा रहा है कि सोमवार को ही उत्तराखंड सरकार ने चार धाम यात्रा को लेकर कोविड गाइडलाइंस जारी की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि 1 जुलाई से चार धाम की यात्रा शुरू होगी, जबकि उत्तराखंड हाईकोर्ट ने यात्रा पर 7 जुलाई तक की रोक लगाई है।
यात्रा के पहले चरण में प्रावधान किया गया था कि चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी के स्थानीय लोग जिलों में स्थित धामों के दर्शन कर सकेंगे। इसके बाद दूसरे चरण में 11 जुलाई से उत्तराखंड के निवासियों के लिए यात्रा खोलने की हरी झंडी दी गई थी, लेकिन मंगलवार सुबह दस बजे ही मुख्य सचिव ने संशोधित एसओपी जारी कर हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में चारधाम यात्रा स्थगित करने का आदेश किया गया था। बता दें कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की अध्यक्षता में 25 जून को हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में एक जुलाई से उन जिलों के निवासियों को मंदिरों के दर्शन की अनुमति देने का निर्णय लिया गया था जहां वे स्थित हैं। चमोली जिले के निवासियों को बदरीनाथ, रुद्रप्रयाग जिले के निवासियों को केदारनाथ तथा उत्तरकाशी जिले के निवासियों को गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर के दर्शन की अनुमति दी गई थी।