हीरा कारोबारी उदय देसाई पर कमोडिटीस एंड मर्चेंट ट्रेडिंग का व्यापार करने वाली फ्रॉस्ट इंटरनेशनल लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर तथा मोहन स्टील लिमिटेड के निदेशक व ऑडिट कमेटी के चेयरमैन रहे उदय देसाई पर कंपनी खातों में हेरफेर कर बैंकों से लगभग 7820 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप है। सीरियस फ्रॉड इंवेस्टिगेशन ऑफिस की ओर से 15 मई 2020 को कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसमें उदय देसाई के साथ उनके बेटे सुजय देसाई भी आरोपी हैं।
करीब 7820 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले के आरोपी फ्रॉस्ट इंटरनेशनल के निदेशक व हीरा कारोबारी उदय देसाई को 60 दिन की अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया गया है। सोचने वाली बात ये है कि हाईपावर कमेटी की गाइड लाइन के तहत विशेष न्यायाधीश की ओर से जेल में दिया गया आदेश लगभग 15 दिन बाद भी कंपनी मामलों की सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालत की फाइल में दाखिल नहीं हुआ।
उदय देसाई ने सुप्रीम कोर्ट में लंबित अपनी ही जमानत याचिका पर जब शपथ पत्र लगाया तब उसकी रिहाई का खुलासा हुआ। सीरियस फ्रॉड इंवेस्टिगेशन ऑफिस (एसएफआईओ) की ओर से दिए गए शिकायती पत्र पर कंपनी मामलों की सुनवाई के लिए गठित विशेष न्यायालय के न्यायाधीश ने लिपिक से रिपोर्ट मांगी है।