भारत के इतिहास में आज ही के दिन 25 जून 1975 में देशभर में आपातकाल लगाने की घोषणा की गई थी, जिसे देश की राजनीति का काला अध्याय कहा जाता है. आजाद भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक काल था, क्योंकि इस दौरान चुनाव स्थगित कर दिए गए थे और लोगों के अधिकारों पर अंकुश लगा दिया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दिन को याद करते हुए कहा, ‘आपातकाल के काले दिनों को कभी भूला नहीं जा सकता है. 1975 से 1977 के बीच देश के संस्थानों का विनाश देखा गया है.’ उन्होंने आगे कहा कि आइए हम भारत की लोकतांत्रिक भावना को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास करने का संकल्प लें और हमारे संविधान में निहित मूल्यों पर खरा उतरें.

वहीं, गृहमंत्री अमित शाह ने लिखा कि ‘एक परिवार के विरुद्ध उठने वाली आवाज को दबाने के लिए लगाया गया आपातकाल आजाद भारत के इतिहास का एक काला अध्याय है’. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी आज के दिन को याद करते हुए बताया कि ‘देश की लोकतांत्रिक प्रथाओं पर कुठाराघात करने के लिए जिस प्रकार संविधान का दुरुपयोग हुआ उसे कभी भूला नहीं जा सकता. इस के चलते लोकतंत्र की रक्षा के लिए देश में आंदोलन भी हुए तथा लोगों ने न जाने कितनी यातनायें सहीं.’

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