लखनऊ: लखनऊ के इटौंजा के गद्दीपुरवा गांव में सीतापुर के श्रद्धालुओं से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली को ओवरटेक के दौरान बेकाबू ट्रक ने टक्कर मार दी। सोमवार को लखनऊ के इटौंजा में हुआ यह हादसा इतना भीषण था कि ट्रैक्टर-ट्रॉली सड़क किनारे तालाब में पलट गई। श्रद्धालुओं से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली तालाब में पलटते ही चीख-पुकार मच गई। इसमें 47 लोग सवार थे। इनमें से 10 की मौत हो गई।
यह सुनते ही प्रधान, पूर्व प्रधान सहित गांव के 14 लोगों ने जान की परवाह किए बगैर तालाब में छलांग लगा दी और 13 लोगों को बाहर निकाला। लोग तेज धमाके की आवाज सुनते ही सभी सड़क से सटे तालाब की तरफ दौड़े। देखा कि तालाब में महिलाएं और बच्चे खुद को बचाने की कोशिश कर रहे थे। इसके बाद वह अन्य ग्रामीणों के साथ पानी में उतरे और जो मिलता गया, उसे निकालते रहे। किनारे खड़े युवाओं ने घायलों को सड़क तक पहुंचाया। तालाब की गहराई करीब 15 फीट है। जिस जगह ट्रॉली डूबी, वहां गहराई 10 फीट है।
पूर्व प्रधान के मुताबिक बचाव कार्य के दौरान पता चला कि ट्रॉली के नीचे कई दबे हैं। इस पर उन्होंने प्रधान राजकुमार, फरकान, महमुद्दीन, जहरूद्दीन, छोटा, सुखील, इसराइल, लईक, हशीब के साथ मिलकर ट्रॉली को उठाने की कोशिश की। हालांकि, गहरे पानी के चलते सफलता न मिली। इस बीच महोना चौकी प्रभारी दो सिपाही के साथ जेसीबी लेकर पहुंचे।ग्रामीणों व पुलिस की मदद से 36 लोगों को बचा लिया गया। हादसे के बाद चालक ट्रक समेत फरार हो गया। ट्रैक्टर का चालक भी भाग निकला। डीएम ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की है।
मरने में वालों में महिलाएं व लड़कियां थीं। मन्नत मांगने गए चुन्नी लाल की पत्नी कोमल (46), बेटी बिट्टो (13), गांव की सुषमा (58), सुषमा की बेटी रुचि (19), अन्नपूर्णा देवी (37), सुखरानी (45), सुशीला पांडेय (38), अंशिका (13), मालती (40) और केतकी (55)। हादसे के बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, डीएम, आईजी रेंज समेत अन्य अफसर मौके पर पहुंचे।
