श्रद्धांजलि: देश की आजादी के लिए अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले महान क्रांतिकारी तथा भारत के स्वतंत्रता सेनानियों में से एक भगत सिंह की आज 114वीं जयंती मनाई जा रही है। देश की आजादी के लिए महज 23 वर्ष की उम्र में ही शहीद हो गए। उनकी जयंती पर राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत सियासी दलों के नेता उन्हें नमन कर रहे हैं।
भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 में लायलपुर ( अब पाकिस्तान में है) स्थित बंगा गांव में हुआ था। भारत को आजादी दिलाने में भगत सिंह ने अहम योगदान निभाया और अंग्रजों से जमकर टक्कर ली। उनके इस जुनून को देखकर ब्रिटिश सम्राज्य भी हिल गया था।
भगत सिह को देश भक्ति विरासत मे मिली थी, क्योंकि उनके दादा अर्जुन सिंह, उनके पिता किशन सिंह और चाचा अजीत सिंह गदर पार्टी के अभिन्न हिस्से थे। जब 13 अप्रैल 1919 को जलियावाला बाग में नरसंहार हुआ, तो इसे देखकर भगत सिंह काफी व्यथित हुए थे और इसी के कारण अपना कॉलेज छोड़ वो आजादी की लड़ाई में कूद पड़े थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगत सिंह की जयंती पर कहा कि, “आजादी के महान सेनानी शहीद भगत सिंह को उनकी जन्म-जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि”। पीएम मोदी ने शहीद भगत सिंह को बहादुरी और साहस का प्रतीक बताया
वहीं, गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि, “भगत सिंह जी को अपने प्राणों से ज्यादा देश की स्वतंत्रता और सम्मान प्यारा था। वो अल्पायु में ही अपने साहस व क्रांतिकारी विचारों से न सिर्फ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के सर्वोच्च प्रतीक बने बल्कि उनके राष्ट्रप्रेम ने पूरे देश को एक किया।”
🙏🙏 //विनम्र श्रद्धांजलि //🙏🙏
