प्रयागराज : बाघंबरी मठ के महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध हालत में मौत के बाद रिक्त हुए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पद पर निरंजनी अखाड़े के ही संत को बैठाने की तैयारी थी। इसके लिए काफी दिनों से जोड़तोड़ चल रही थी और अखाड़ों को अपने पक्ष में करने की जोरआजमाइश की जा रही थी। कुछ संतों का कहना है कि महंत नरेंद्र गिरि निरंजनीअखाड़े के ही सचिव थे और बीते हरिद्वार के कुंभ में दूसरी बार उन्हें अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष चुना गया था।
अभी उनका कार्यकाल भी पूरा बचा हुआ था। इसलिए सहानुभूति के आधार पर यह पद निरंजनी के ही पास रहना चाहिए। हालांकि कि जूना समेत कई अखाड़ों ने इस पद के लिए दावेदारी की है, लेकिन निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रवींद्र पुरी अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे माने जा रहे हैं।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की सोमवार को दारागंज निरंजनी अखाड़े में हुई बैठक में महंत रवींद्र पुरी को अखाड़ा परिषद का नया अध्यक्ष चुन लिया गया। सात अखाड़ों ने मिलकर बहुमत से फैसला लिया।
अखाड़ा परिषद के संरक्षक महंत हरि गिरि की ओर से 25 October को निर्मल अखाड़ा प्रयागराज में परिषद की बैठक बुलाई गई थी। बैठक मे काफी गहमा गहमी रही। 13 अखाड़ों में से सात ने रवींद्र पुरी के नाम पर सहमति जताई। इसके बाद रवींद्र पुरी को विधिवत अखाड़ा परिषद का नया अध्यक्ष घोषित कर दिया गया।
