फरेंदा: अतीत के बिना वर्तमान की कल्पना असंभव है। पुरखों के बिना पीढियों की कल्पना असम्भव है। माता-पिता के बिना बच्चों की कल्पना असंभव है। माता-पिता के बिना किसी का भी अस्तित्व संभव नहीं। अपने सारे सपनों-अरमानों का अपने बच्चों के लिए माता-पिता त्याग कर देते हैं और निःस्वार्थ भाव से दुख-कष्ट उठाकर भी अपने बच्चों की परवरिश करते हैं।
फिर भी दिल के किसी कोने में एक मासूम सी उम्मीद पल रही होती है कि भविष्य में उनके बच्चे उनकी भी देख-भाल करेंगे। लेकिन वही बच्चे बड़े होकर जब माता-पिता की उपेक्षा करते हैं तो माता-पिता को अत्यंत ही शर्म और पीड़ा का अनुभव होता है। हृदय तो तब फट जाता है जब अपने ही बच्चों द्वारा अपने ही माता-पिता को वृद्धाश्रमों में छोड़ दिया जाता है।
लेकिन जवानी के नशे में चूर ऐसे युवा यह भूल जाते हैं कि उनके अपने बच्चे भी उनके कर्मों के अनुसार ही भविष्य में उनके साथ भी वैसा ही करेंगे जैसा वे अपने माता-पिता के साथ कर रहे हैं। जैसा बोना वैसा काटना, जैसी करनी वैसी भरनी।

यह छोटी बात नहीं। यह सिर्फ किसी एक या दो-चार माता-पिता की समस्या नहीं। बल्कि यह एक भयावह भावी समस्या के रूप में विकसित होता सामाजिक कैंसर है। इसके लिए अविलंब लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जाना चाहिए। सिर्फ युवाओं को ही नहीं, बच्चों को भी अपने माता-पिता के प्रति आजीवन आभारी और जिम्मेदार बने रहने के संस्कार से सुसज्जित किया जाना चाहिए।
इसीलिए केन फाउन्ट एकेडमी, रुदलापुर(कोल्हुई), महराजगंज के प्रबंधक श्री अजय कुमार रामचंद्रन और प्रिंसिपल श्रीमती प्रिया पीएन ने अपने विद्यालय के बच्चों को किताबी पढ़ाई के साथ ही संस्कारवान बनाने का भी संकल्प ले रखा है। उनका स्पष्ट कहना है कि संस्कारवान विद्यार्थियों से ही भविष्य में समाज, देश और संस्कृति सुंदर, समृद्ध और सुदृढ़ बन सकेंगे।
इसकी सबसे आवश्यक आधारशिला अपने माता-पिता के प्रति निष्ठावान बने रहने से ही सम्बंधित है। आजके माता-पिता भी कभी बच्चे थे और आजके बच्चे भी कभी माता-पिता बनेंगे। वृद्ध-जन बोझ नहीं; समय, समाज और सम्बन्धों के आभूषण हैं।
अपने और अन्य बच्चों-युवाओं में इस भाव को जगाने-स्थापित करने के उद्देश्य से ही केन फाउन्ट एकेडमी की ओर से आज आधारशिला वृद्धाश्रम, गणेशपुर(फरेंदा) में वृद्ध-जनों को सम्मानित करने के लिए विद्यालय के प्रबंधक श्री अजय कुमार रामचंद्रन और प्रिंसिपल श्रीमती प्रिया पीएन के निर्देश-नेतृत्व में विद्यार्थियों द्वारा एक कलात्मक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अनूठी पहल से वृद्धाश्रम के वृद्धजन बहुत ही हर्षित हुए। उन्होंने केन फाउन्ट एकेडमी के निरंतर विकसित होते रहने का आशीर्वाद दिया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के शिक्षक बृजमोहन, मानस उपाध्याय, पुरुषोत्तम नायर, जानकी राय, के. एन. लाल श्रीवास्तव,सर्वेश राय, वैलिउल्लाह,आसिफ , शिखा, स्वाति दुबे,वर्तिका, श्वेतनिशा, शिखा, सबा, प्रीति, इत्यादि की भूमिका सराहनीय रही।