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यूपी: योगी सरकार ने लिया बड़ा फैसला, 800 से अधिक सरकारी वकीलों को किया बर्खास्त, नए वकीलों को मिलेगा मौका

यूपी: उच्च न्यायलय में सरकारी वकीलों की नियुक्ति, उस स्टेट की गवर्नमेंट और केंद्र की सरकार द्वारा, उच्च न्यायालय से विचार और परामर्श करने के बाद किया जाता है। वहीं जिला न्यायालय में वकीलों की नियुक्ति स्टेट की गवर्नमेंट द्वारा की जाती है।

यूपी की योगी सरकार ने आज बड़ा फैसला लेते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट और लखनऊ खंडपीठ के 800 से अधिक सरकारी वकीलों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है। इसके बाद नए वकीलों को मौका मिलेगा। सरकार इस पर काफी लंबे समय से विचार कर रही थी। पहले स्कूटनी की गई। फिर प्लानिंग के बाद देखा गया कि कई सरकारी वकील अनुपस्थित रहते थे। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया।

विधि एवं न्याय विभाग के विशेष सचिव निकुंज मित्तल की तरफ से जारी आदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट में नियुक्त सभी सरकारी वकीलों की सेवाएं खत्म कर दी गई हैं। आदेश के अनुसार इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रधान पीठ से 505 राज्य विधि अधिकारी और हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से 336 सरकारी वकीलों की छुट्टी कर दी गई है। उधर, राज्य सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में 366 और लखनऊ खंडपीठ में 220 नए सरकारी वकील नियुक्त किए हैं।

लखनऊ बेंच के दो चीफ स्टैंडिंग काउंसिल की सेवाएं समाप्त की गई हैं। इसके अलावा 33 एडिशनल गवर्नमेंट एडवोकेट, क्रिमिनल साइड के 66 और 176 सिविल ब्रीफ होल्डर को हटाया गया है। 59 एडिशनल चीफ स्टैंडिंग काउंसिल और स्टैंडिंग काउंसिल की सेवाएं भी समाप्त कर दी ई हैं।

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