अयोध्या: अयोध्या में 22 जनवरी को आयोजित होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देश ही नहीं, दुनियाभर से मेहमान पहुंचेंगे। इसलिए 22 जनवरी को लेकर सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं। रामनगरी में लगभग 30,000 जवान तैनात किए जा रहे हैं।स्टेट एजेंसियों के अलावा केंद्र की एजेंसियों ने भी जिले में कैंप किया है। 15 टीमें विभिन्न इलाकों में छानबीन करके इनपुट तलाश रही हैं। वहीं, श्रीराम मंदिर की सुरक्षा का जिम्मा कमांडो के हवाले किया गया है।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देशभर के विशिष्टजन शामिल होंगे। इसके बाद अयोध्या में बेहिसाब भीड़ उमड़ेगी। समारोह के दौरान सुरक्षा पर सरकार का फोकस है। प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जिले में आईबी, एलआईयू, एटीएस, एसटीएफ, मिलिट्री इंटेलिजेंस समेत सात सुरक्षा एजेंसियों ने प्रधानमंत्री के आगमन से पूर्व ही कैंप किया है।
21 और 22 जनवरी को भारी वाहन इधर से नहीं जाएंगे। छोटे वाहनों के लिए अलग से व्यवस्था होगी। आमंत्रित अतिथियों के लिए बेहतर व्यवस्था रहेगी। पार्किंग स्थलों पर कैमरे लगाए जा रहे हैं। राम मंदिर की सुरक्षा का नया प्लान लागू किया जा रहा है। बिना अनुमति इस क्षेत्र में ड्रोन नहीं उड़ाए जा सकेंगे। श्रद्धालुओं से बेहतर व्यवहार के लिए पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है।
महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा की सुरक्षा उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल की छठवीं वाहिनी को सौंपी गई है। ये जवान आतंकी खतरों से निपटने की क्षमता रखते हैं। यहां तीन इंस्पेक्टर, 55 उप निरीक्षक, 22 मुख्य आरक्षी और 194 आरक्षी लगाए गए हैं। सुरक्षा बलों की कुल संख्या 294 है। इन्हें वॉच टावर के साथ सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात किया गया है। स्क्रीन के जरिये पूरे एयरपोर्ट की सुरक्षा की सतत निगरानी शुरू कर दी गई। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों ने सुरक्षा का ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया है। पुलिस के रडार पर रहने वाले लोगों को इस दौरान अयोध्या में घुसने नहीं दिया जाएगा। श्रीराम मंदिर की सुरक्षा को पहले से अब और चुस्त किया जा रहा है।
