इत्र कारोबारी मामला: पीयूष के कानपुर और कन्नौज स्थित घरों से लगभग 197 करोड़ रुपए की नकदी और 23 किलो सोना बरामदगी के मामले में जेल में बंद इत्र कारोबारी पीयूष जैन गुरुवार की दोपहर आखिर 8 माह बाद जेल से रिहा हो गया। पीयूष जैन ने जेल में 251 दिन बिताए। जेल से निकलने के बाद पीयूष जैन ने एक शब्द नहीं कहा और गाड़ी में बैठकर चले गए।
बुधवार को ही मजिस्ट्रेट की अदालत से उसका रिहाई परवाना जारी हो गया था लेकिन तकनीकी खामी के कारण जेलर ने बुधवार को रिहाई रोक दी थी। गुरुवार को परवाने की खामी दूर करने के बाद दोबारा जेल भेजा गया जिसके बाद पीयूष की रिहाई हो गई। डीजीजीआई अहमदाबाद और डीआरआई लखनऊ की ओर से दो मुकदमे दर्ज किए गए थे।
डीजीजीआई के मामले में पिछले दिनों मिली जमानत के बाद स्पेशल सीजेएम कोर्ट ने उसको 10-10 लाख की दो जमानतें दाखिल करने के निर्देश दिए थे। उसकी ओर से पत्नी व बेटे ने 10-10 लाख की एफडी दाखिल की थी। जिसकी सत्यापन रिपोर्ट बुधवार को आ गई थी, जिसके बाद कोर्ट ने पीयूष की रिहाई के आदेश कर दिए थे। दोनों ही मामलों में उसको हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है।
इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर पर 23 दिसंबर 2021 की रात अहमदाबाद की डीडीजीआई टीम ने छापा मारा था। जहां से कई दिनों की छानबीन के बाद 197 करोड़ की नकदी बरामद हुई थी। पीयूष के कन्नौज वाले घर से 23 किग्रा सोना भी बरामद हुआ था। उसके बाद 27 दिसंबर को डीडीजीआई ने पीयूष को जेल भेज दिया था। जेल जाने के बाद लखनऊ की डीआरआई ने पीयूष के कन्नौज वाले घर से बरामद 23 किग्रा सोने को विदेशी बताकर एफआईआर दर्ज की थी। तब से पीयूष कानपुर जेल में बंद था।
