सफलता: मनुष्य द्वारा हिम्मत, परिश्रम और विश्वास के किया गया कार्य अवश्य सफल होता है। फिर कोई भी बाधा, कठिनाई या कष्ट उस सफलता को रोक नहीं सकती। ऐसे ही असम के बालाजी जिले में चाय बेचने वाले एक 24 वर्षीय लड़के ने पहले प्रयास में ही नीट पास करके यह साबित कर दिया है। राहुल दास ने परीक्षा को पास करने के लिए अपने सपने को हमेशा बड़ा करके रखा।
उसकी तैयारी में गरीबी और दिक्कतें पहाड़ बनकर खड़ी रहीं, लेकिन हिम्मत नहीं हारी और अपनी कड़ी मेहनत की बदौलत दिल्ली एम्स में सीट पक्की कर ली। इस सफलता पर मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि उसकी आगे की पढ़ाई का खर्चा राज्य सरकार करेगी। वहीं एम्स दिल्ली के डिप्टी कमिश्नर ने भी उसकी उपलब्धि पर खुशी जताई है।
2015 में बारहवीं की परीक्षा पास करने के बाद पैसे की तंगी के कारण राहुल ने पढ़ाई छोड़ दी। हालांकि, बाद में पढ़ाई की ललक ने आगे बढ़ने को प्रेरित किया और सीआईपीईटी से प्लास्टिक इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया। इस दौरान उसने 85 फीसदी अंक भी प्राप्त किए। उसके बाद गुवाहाटी में एक एमएनसी में नौकरी शुरू की, लेकिन उसके डॉक्टर बनने के सपने की चाह मन में बनी रही। नौकरी से असंतुष्ट होने के कारण उसने फैसला किया कि वह अपने मां के चाय बेचने के बिजनेस में हाथ बंटाएगा और अपनी डॉक्टरी की पढ़ाई भी करेगा। अपनी मेहनत और लगन से उसने परीक्षा पास की।