पश्चिम बंगाल: पश्चिम बंगाल में स्कूल शिक्षक भर्ती घोटाले के मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी की मुश्किलों के साथ अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं। शिक्षक भर्ती घोटाले में बर्खास्त मंत्री पार्थ चटर्जी का नाम सामने आने के बाद से बंगाल की सियासत गरमा गई है। मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से जवाब की मांग कर रही है। वहीं इस भारी विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर टीएमसी के सांसद की प्रतिक्रिया सामने आई है।
टीएमसी के वरिष्ठ नेता सौगत रॉय का दावा है कि इस तरह की गतिविधियों की जानकारी ममता बनर्जी समेत पार्टी में किसी को नहीं थी। जैसे ही हमें इस बारे में पता चला, हमने ऐक्शन लिया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें मंत्रीपद से हटा दिया। तृणमूल नेता ने कहा कि अगर सुवेंदु अधिकारी के पास कोई सबूत है, तो उसे ईडी को बताना चाहिए, मीडिया को नहीं।
वहीं भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने अर्पिता मुखर्जी के फ्लैटों से बरामद काले धन को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि ”टॉलीगंज फ्लैट से 21 करोड़ रुपये और बेलघरी से 29 करोड़ रुपये–केवल छोटी तलहटी हैं। जब तक आप माउंट बीरभूम और कालीघाट (ममता का आवास) की एक झलक नहीं देख लेते, तब तक अपनी सांस रोककर रखें।”
सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय एक सक्षम एजेंसी है। उन्हें जांच करने दीजिए। सभी को मालूम है कि पार्थ चटर्जी की काली करतूत की जानकारी ममता बनर्जी को थी। ममता दीदी के निर्देशन में ही सारा खेल खेला गया है। टीएमसी का मुख्य एजेंडा भ्रष्टाचार है। केवल जनता की धारणा के चलते टीएमसी ने पार्थ को उनके पदों से हटाया है। आपको बता दे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच बैठक अगले हफ्ते हो सकती है। ये बैठक पांच या छह अगस्त को हो सकती है।
