फैसला: अफगानिस्तान में 20 साल बाद फिर से तालिबान का कब्जा होने से लोग अपनी जान बचाने में जुट गए हैं, अफगानिस्तान की सड़कों पर जाम लगा हुआ है, एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी मची हुई हैl तालिबान दुनिया के सामने उदारवादी चेहरा पेश करने की कोशिश कर रहा है। काबुल में हुए आतंकी हमले के बाद दुनिया के तमाम देश सतर्क हो गए हैं। भारत सहित अन्य देश तालिबान के एक्शन पर नजर बनाए हुए हैं। भारत की अमेरिका के अलावा रूस, ईरान, कतर, तजाकिस्तान, जर्मनी, इटली सहित कई देशों से बातचीत हुई है। ये देश अफगानिस्तान में किसी भी फैसले के लिए आपसी समन्वय पर जोर दे रहे हैं।

एक पखवाड़ा पहले तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद नए शासकों के बदले की कार्रवाई से डरकर कई अफगान भारत आ गए थे। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि अफगानिस्तान के हालात को देखते हुए भारत में रह रहे किसी भी अफगान को बिना मंजूरी देश छोड़ने को नहीं कहा जाएगा।

सरकार ने यह फैसला उस घटना के बाद लिया है, जिसमें एक अफगान महिला सांसद रंगीना कारगर को वैध दस्तावेज होने के बावजूद दिल्ली हवाईअड्डे से वापस इस्ताम्बूल भेज दिया गया था। सरकार ने हालांकि बाद में इसके लिए खेद जताया था। सरकार ने भारत में रह रहे अफगानिस्तान सहित सभी देशों के नागरिकों के सभी श्रेणी के वीजा को 30 सितंबर तक पहले ही बढ़ा दिया था।

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