सवाल: भारत में निर्मित कोवैक्सीन को अभी तक न तो विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी मान्यता दी है और न ही अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से इसे मानयता मिली है। हालांकि, कोवैक्सीन को मान्यता देने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से पांच अक्टूबर को एक बैठक प्रस्तावित है।
भारत बायोटेक की कोवैक्सीन लेने के बाद भी अमेरिका यात्रा पर गए प्रधानमंत्री को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़े एक विशेषज्ञ का कहना है कि वैक्सीन का मामला केवल भारत से जुड़ा नहीं है। यह दुनिया के कई देशों से जुड़ा है। हर देश के पास वह वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो सकती, जिसे अमेरिका में मान्यता मिली हो। ऐसे में जब भी विदेशी दौरे होते हैं तो राजनयिकों को विशेष रियायत दी जाती है।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि- ‘मुझे जहां तक जानकारी है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोवैक्सीन लगवाई थी जो अमेरिका में स्वीकृत नहीं है। क्या उन्होंने कोई और टीका लिया है या फिर अमेरिकी प्रशासन की ओर से उन्हें विशेष छूट दी गई है।’ दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि देश यह जानना चाहता है कि कोवैक्सीन लगवाने वाले प्रधानमंत्री मोदी को अमेरिका में इजाजत कैसे मिल गई।
लंबे प्रतिबंध के बाद अमेरिका 33 देशों के लिए अपने दरवाजे खोलने जा रहा है। इसमें भारत भी शामिल है। मिली जानकारी के अनुसार नवंबर से विदेशी यात्रियों को अमेरिका जाने की अनुमति होगी। लेकिन सवाल यह है कि मान्यता न मिलने के बाद कोवैक्सीन लगवा चुके नागरिकों का क्या होगा।
