खुशखबरी: संयुक्त किसान मोर्चा ने तीन कृषि कानूनों के विरोध में पिछले कई महीने से आंदोलन छेड़ रखा है। इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान, खास तौर पर गन्ना किसान भी बड़ी संख्या में शामिल है। विधानसभा चुनाव से पहले योगी सरकार किसानों की नाराजगी दूर करने के लिए गन्ना मूल्य में बढ़ोत्तरी करने के लिए गुणा-भाग कर रही है।
चार साल से गन्ना मूल्य बढ़ने की किसानों की आस चुनावी साल में पूरी होने जा रही है। पेराई सत्र 2021-22 के लिए गन्ना मूल्य में 25 रुपये प्रति कुंतल की बढ़ोतरी के आसार हैं। गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग ने गन्ना मूल्य निर्धारण की जरूरी कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। गन्ना मूल्य को लेकर शासन स्तर पर भी कवायद लगभग पूरी हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हरीझंडी मिलने के बाद इसका औपचारिक एलान किया जाएगा। आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर माना जा रहा है कि सीएम योगी किसानों के किसी बड़े कार्यक्रम में खुद गन्ना मूल्य की घोषणा करेंगे।
चालू पेराई सत्र के गन्ना मूल्य निर्धारण के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली राज्य परामर्शित गन्ना मूल्य निर्धारण संस्तुति समिति की बैठक हो चुकी है। इसमें किसानों ने जहां कम से कम 400 रुपये प्रति कुंतल गन्ना मूल्य घोषित करने की मांग की वहीं इंडियन शुगर मिल एसोसिएशन (इस्मा) ने गन्ने का दाम बढ़ाने का दबाव बना रखा है। यूपी के साथ ही पंजाब में भी विधानसभा चुनाव होने हैं। वहां गन्ना मूल्य 360 रुपये प्रति कुंतल घोषित किया गया है। इसे देखते हुए माना जा रहा है कि योगी सरकार भी इसी के आसपास गन्ना मूल्य घोषित कर सकती है। अब मुख्यमंत्री की हरीझंडी का इंतजार है।
मुख्यमंत्री का अनुमोदन मिलते ही गन्ना मूल्य संबंधी प्रस्ताव कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। मौजूदा समय प्रदेश में गन्ना मूल्य 315 व 325 रुपये प्रति कुंतल है। फिलहाल शासन का कोई अधिकारी आधिकारिक रूप से गन्ना मूल्य को लेकर अभी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। पर बहुत जल्द ही इस पर फैसला होने की उम्मीद है।
