गुजरात में ‘लव जिहाद’ को लेकर बने कानून पर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है. अदालत ने साफ किया है कि केवल शादी के आधार पर ही मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकती है. इसके साथ ही कोर्ट ने गुजरात धर्म स्वतंत्रता अधिनियम की कुछ धाराओं में संशोधनों पर रोक लगाने के आदेश दिया हैं.
हालांकि इससे पहले उच्च न्यायालय ने गुजरात धर्म स्वतंत्रता अधिनियम से जुड़ी एक याचिका में सुनवाई के बाद राज्य सरकार को नोटिस भेजा था. बता दें कि गुरुवार को कोर्ट ने अपने इस निर्णय में कहा है कि बिना यह साबित हुए कि शादी जोर-जबरदस्ती से हुई है, पुलिस में एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती है. कोर्ट की तरफ से अधिनियम की धारा 3, 4, 5 और 6 के संशोधनों को लागू करने पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं.