यूपी : संयुक्त किसान मोर्चा की मुजफ्फरनगर में होने वाली महापंचायत पर सरकार से लेकर विपक्षी दलों तक की नजर है। मिशन यूपी की शुरूआत करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर में होने वाली महापंचायत को एतिहासिक बनाना चाहता है। इसके लिए महापंचायत में देशभर के 300 से ज्यादा सक्रिय संगठन शामिल होंगे, जिनमें करीब 60 किसान संगठन होंगे और अन्य कर्मचारी, मजदूर, छात्र, शिक्षक, रिटायर्ड अधिकारी, सामाजिक, महिला आदि संगठन शामिल रहेंगे। किसानों के 40 संगठन अग्रणी भूमिका में रहेंगे, जबकि 20 संगठन पूरा सहयोग करेंगे। महापंचायत में आने के लिए अभी तक 22 राज्यों के प्रतिनिधियों से सहमति मिल चुकी है।
मोर्चा के सदस्यों को लगता है कि इस महापंचायत से कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन को नई दिशा मिलेगी। इसमें यूपी के बाद सबसे ज्यादा पंजाबा, हरियाणा, उत्तराखंड व राजस्थान से किसान शामिल होंगे।
इसके लिए संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल वहां के किसान नेताओं ने पूरी व्यवस्था कर दी है। संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों के अनुसार पंजाब व हरियाणा के किसान संगठनों के नेताओं ने अपने साथ हजारों की संख्या में किसानों को लेकर आने का लक्ष्य तय किया है।
हरियाणा के सभी किसान संगठनों से जुड़े किसान बड़ी संख्या में मुजफ्फरनगर की महापंचायत में शामिल होने जाएंगे। मुजफ्फरनगर की महापंचायत में शामिल होने के लिए देश के हर कोने से किसान व अन्य सभी वर्गों के लोग आएंगे। यूपी के बाहर से आने वाले किसान संगठनों के नेता व किसान चार सितंबर की शाम तक मुजफ्फरनगर पहुंच जाएंगे, जिससे उनको महापंचायत के दिन किसी तरह की परेशानी न हो।
